नई दिल्ली : किसानों संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिं’सा के बाद प्रकाश जावड़ेकर की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कल दिल्ली में जिस तरह से हिंसा हुई उसकी जितनी भर्त्सना की जाय कम है.
जिन्होंने उकसाया उन सब कार्यवाही होनी चाहिए, लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ वो अपमान हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा.
जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने लगातार उकसाने का काम किया, पंजाब में उनकी सरकार है, पंजाब सरकार को पंजाब से निकलने वाले ट्रैक्टर पर पाबंदी नहीं लगाई, राहुल गांधी केवल समर्थन नहीं कर रहे थे उकसा रहे थे.
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सीएए के समय भी ऐसा हुआ, कांग्रेस की रैली हुई सड़क पर आने की बात हुई और दूसरे दिन लोग सड़क पर आ गए, कल भी यही हुआ, कल के ट्वीट सबके सामने हैं, कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया अहिंसक आंदोलन को हिंसक दिखाने की कोशिश.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि क्या कल जो हुआ वो अहिंसक था जो पूरी दिल्ली में हुआ, एक ट्वीट में कहा है युवा कांग्रेस ट्रैक्टर मार्च के समर्थन में खड़ी है, कांग्रेस के एक ट्वीट ने तो एक्सीडेंट में मरे किसान को पुलिस बर्बरता के चलते बता दिया.
जब पूरे देश से सवाल उठे तब राहुल जी का बयान आया हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं, कांग्रेस हताश है इसीलिए पश्चिम बंगाल में दोस्त तलाश कर रहे हैं, वो चाहते हैं पुलिस सख्ती करे, जानमाल की हानि हो यही चाहते हैं.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उनको चिंता है परिवार राज का क्या होगा मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ रही है, कल दिल्ली पुलिस ने अद्भुत संयम दिखाया, तलवार से प्रहार हुए, डंडे से प्रहार हुए.
जावड़ेकर ने कहा कि जवाब नही दिया जबकि उनके पास भी हथियार थे, सरकार ने 10 राउंड बात की, साल डेढ़ साल कानून होल्ड करने की बात कही, कहां बताओ, कहां किसानों के अधिकार कम हुए, कांग्रेस भी समझती है लेकिन वो ये समझौता होने नहीं देगी.
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जावड़ेकर ने कि कहा कि जो चुनाव में हारे हैं वो सब मिलकर ऐसा कर रहे हैं, 26 जनवरी को कांग्रेस ऐसा करेगी ऐसा सोचा भी न था, कांग्रेस इतना गिर जाएगी, पंजाब में उनकी सरकार है, कांग्रेस की ऐसी राजनीति की हम निंदा करते हैं, एक बार सीएए के समय ऐसा किया फिर कोशिश कर रहे हैं आगे भी करते रहेंगे, लेकिन वो सफल नहीं होंगे.
बता दें कि किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए.
बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है, ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली का आईटीओ एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए.