पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को 28 वर्षीय इंजीनियर मोहसिन शेख की हत्या के मामले में हिंदू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय जयराम देसाई सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। सोलापुर के रहने वाले मोहसिन शेख की हत्या सोशल मीडिया पर शिवाजी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीरों के वायरल होने के बाद फैली सांप्रदायिक झड़पों के दौरान कर दी गयी थी।
हिंदू राष्ट्र सेना के नेता के वकील मिलिंद पवार ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस बी सालुंके ने सबूत के अभाव में देसाई सहित 20 लोगों को बरी कर दिया। पवार ने कहा कि बचाव पक्ष ने सफलतापूर्वक तर्क दिया कि जब हत्या हुई थी तब देसाई एक अन्य मामले में जेल में थे। उन्होंने कहा कि देसाई की हत्या या उसके तुरंत बाद हुए दंगों में कोई भूमिका नहीं थी।
मालूम हो कि मोहसिन शेख की मौत से इलाके में तनाव फैल गया था, जिसके बाद पुलिस को 12 घंटे के लिए एक्सपोजर करना पड़ा। बताया जा रहा था कि उस समय मोहसिन के दो चचेरे भाई भी मौजूद थे जो बच गए थे परंतु वह भी घायल हो चुके थे। पुलिस ने बाद में देसाई सहित 21 हिंदू राष्ट्र सेना सदस्यों को गिरफ्तार किया। 21 दस्तावेजों में से 18 अवयस्क हैं और पहले से ही जमानत पर बाहर हैं।
कौन हैं धनंजय जयराम देसाई
मुुंबई के तिलक कॉलेज से ग्रेजुएट देसाई का बचपन से ही हिंदुत्व के विचारधारा की ओर आकर्षण था। 1980 के दशक में वह शिवसेना से प्रभावित हुए, लेकिन वह खुद का संगठन बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 14 साल की उम्र से ही हिंदू राष्ट्र सेना के नाम से काम करना शुरू किया। 1992 के धमाकों के बाद देसाई ने अंडरवर्ल्ड के खिलाफ सीधे-सीधे माेर्चा खोल दिया। जानकारों के मुताबिक, उन्हें बाल ठाकरे के जीवित रहने तक उनका आशीर्वाद हासिल था।