नई दिल्ली: कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब को लेकर छिड़ा विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को मामला सुप्रीम कोर्ट में रखा।
कपिल सिब्बल ने कहा कि 2 महीने बाद परीक्षा है और लड़कियों को स्कूल आने से रोका जा रहा है, उनपर पत्थर चलाए जा रहे हैं, कपिल सिब्बल ने कहा कि यह उस धार्मिक मामले की तरह से जिसपर 9 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी।
सबरीमाला मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी, सिब्बल की अपील पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हाईकोर्ट के 3 जजों की बेंच मामला सुन रही है, हो सकता है वह आपको कुछ राहत दे, पहले उन्हें सुनने दीजिए।
सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब विवाद से संबंधित याचिकाओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से भी इनकार कर दिया, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हाई कोर्ट को आज मामला मिल रहा है, उसे (सुप्रीम कोर्ट) इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए।
बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट हिजाब पहनने के छात्राओं के अधिकार के लिए उनकी एक याचिका पर विचार कर रहा है, वहीं, विवाद बढ़ता देख राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिनों के लिए छुट्टी का एलान कर दिया है।
हिजाब को लेकर विवाद जनवरी में शुरू हुआ था, उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया, यह मुद्दा अब सूबे के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है,।
दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा समर्थित युवा भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े हैं, राज्य में बीजेपी कॉलेज द्वारा लगाए गए वर्दी संबंधी नियमों का समर्थन कर रही है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि हिजाब विवाद युवाओं के दिमाग में जहर भरने की साजिश है।