हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को आठवें दिन सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। कुछ ऐसे इस्लामिक देश हैं, जहां हिजाब का विरोध हो रहा है और महिलाएं इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि राज्य सरकार के शैक्षिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाले छात्र पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से प्रभावित थे।
हिजाब विवाद पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब तक स्कूलों में अनिवार्य रूप से अनुशासन का ईमानदारी से पालन किया जा रहा था। लेकिन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम के एक संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर आंदोलन शुरू कर दिया गया। यह इस मामले को एक आंदोलन बनाने के लिए किया गया।
पिछले हफ्ते 15 सितंबर गुरुवार को हिजाब मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम स्कूल के यूनिफॉर्म तय करने के अधिकार का उपयोग करने से नहीं रोक सकते। तब सुनवाई की समाप्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 सितंबर तक यानी मंगलवार तक मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी।
बता दें कि जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। वकील दवे ने कहा कि हिजाब पहनने से किसी की भी भावनाओं को चोट नहीं पहूंचती है और यह मुस्लिम महिलाओं की पहचान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ संविधान स्वतंत्रता की बात करता है तो दूसरी तरफ सरकारें प्रतिबंध की।