उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एचआईवी पीड़ित महिला को एंबुलेंस न मिलने पर ठेले पर ले जाने का मामला सामने आया है.
साहिबाबाद में HIV और टीबी की मरीज एक महिला को एंबुलेंस और स्ट्रेचर तक नहीं मिला, जिसके बाद महिला का भाई उसे ठेले पर लादकर जिला अस्पताल तक ले गया. मामले के तूल पकड़ने पर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं.
बता दें कि साहिबाबाद की रहने वाली 40 वर्षीय महिला को टीवी का संक्रमण था, जिसकी जांच में महिला को एचआईवी की भी पुष्टि हुई थी. एचआईवी की पुष्टि होने पर बुधवार (22 जून) को महिला मरीज को गाजियाबाद के जिला अस्पताल स्थित बुलाया गया था. परिजनों का कहना था कि एंबुलेंस न मिलने पर मरीज को ठेले पर ले जाना पड़ा और जिला अस्पताल में भी उन्हें एंबुलेंस या स्ट्रेचर नहीं मिल पाई.
असपताल के इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं. ठेले पर लादकर मरीज को अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल होने पर महिला को स्ट्रेचर और एंबुलेंस का इंतजाम कराया गया. इस वीडियो का संज्ञान सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लिया और ट्वीट पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही. इसके बाद गाजियाबाद सीएमओ भवतोष शंखधर ने तीन डॉक्टरों के पैनल को मामले की जांच सौंपी.
डॉ. एके दीक्षित, डॉ. संतराम वर्मा और डॉ. पंकज शर्मा की एक समिति बनाकर पूरे मामले की जांच कराई गई.
डिप्टी सीएम के आदेश पर हुई जांच रिपोर्ट में कहा गया कि मरीज को जब ठेले पर लेकर आया गया तो वार्डबॉय ने उसे स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया. डॉ. संतराम ने भी ठेले पर ही आकर महिला को देखा और वहीं से उसे रेफर कर दिया. CMO डॉ. भवतोष शंखधर ने डॉ. शील वर्मा और वार्डबॉय मयंक को गुरुवार को बर्खास्त कर दिया. दोनों संविदा पर कार्यरत थे. ऐसे में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.
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सीएमएस डॉ. एके दीक्षित, डॉ. संतराम और डॉ. पंकज शर्मा ने अपनी ज्वाइंट जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई हुई है। कार्रवाई और जांच रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है.