शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक संजय राउत ने शुक्रवार को जेल में रखे जाने के दौरान अपनी आपबीती सुनाई।
संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि जेल में रहने के दौरान उनका वजन 10 किलो कम हो गया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ दिनों राउत ने कहा कि उन्हें ‘अंडा सेल’ में रखा गया था, जहां उन्हें 15 दिनों तक धूप नहीं दिखाई दी थी। उन्होंने कहा, ‘जेल की फ्लडलाइट्स के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण अब मेरी दृष्टि कमजोर हो गई है।
संजय राउत ने बताया, ‘मुझे पढ़ने और देखने में मुश्किल आ रही है। मुझे सुनने और बातचीत में भी दिक्कत हो रही है लेकिन ठीक है, मुझे यह सहन करना पड़ा। आपकी याद्दाश्त भी कमजोर होने लगती है।’ खुद को युद्ध कैदी बताते हुए संजय राउत ने दावा किया कि अगर वह बीजेपी को सरेंडर कर देते तो गिरफ्तारी न होती।
संजय राउत ने ठाकरे परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा आज मैं जो कुछ भी हूं, सबकुछ बाला साहेब ठाकरे और ठाकरे परिवार की वजह से हूं। जो लोग उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ रहे हैं उसपर राउत ने कहा कि जो लोग पार्टी को छोड़ना चाहते हैं जा सकते हैं, पार्टी फिर भी बनी रहेगी और आगे बढ़ती रहेगी। जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं उनपर किसी और का नियंत्रण है। महाराष्ट्र में सिर्फ एक ही शिवसेना है।