नई दिल्ली : टीएमसी छोड़कर BJP में शामिल हुए सुवेंदू अधिकारी ने कहा, ‘हरे कृष्ण, हरे-हरे! बीजेपी घरे घरे’, सुवेंदू अधिकारी ने अमित शाह की उपस्थिति में BJP में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि अगले साल बंगाल में चुनाव होने के लिए BJP ने तैयारियां तेज कर दी हैं, अमित शाह नवंबर से लेकर अब तक वहां दो दौरा कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें : किसान आंदोलन : प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेता हिरासत में, राहुल गांधी को मिली राष्ट्रपति भवन जाने की इजाजत
साल 2007 के नंदीग्राम आंदोलन से ममता की जीत का रास्ता साफ हुआ था, ममता ने नंदीग्राम में वाममोर्चा के तत्कालीन सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी.
इस आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन वामपंथी सरकार ने गोली तक चलवा दी थी, ममता के लिए सत्ता का रास्ता खोलने वाले इस आंदोलन में सुवेंदू अधिकारी ने अहम भूमिका निभाई थी, सुवेंदू को इस आंदोलन ने बंगाल का जननेता बना दिया.
सुवेंदू अधिकारी उस समय कांथी दक्षिण सीट से विधायक थे, जिस वक्त बंगाल में वामपंथी सरकार सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए हुए थी तब सुवेंदू ने सीपीआई (एम) के बाहुबली नेता लक्ष्मण सेठ को हराकर टीएमसी का सिक्का जमाया था.
ये भी पढ़ें : BCCI की AGM से पहले बड़ा फैसला, जनरल मैनेजर केवीपी राव को बोर्ड छोड़ने के लिए कहा
मौजूदा समय में अधिकारी परिवार का बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, बर्दवान जिले की करीब 60 विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है.
सुवेंदू अधिकारी के ममता से विवाद की शुरुआत उनके भतीजे और एमपी अभिषेक बनर्जी के पार्टी में अहम भूमिका दिए जाने और प्रशांत किशोर के बढ़ते दखल को लेकर हुई थी, उसके बाद उन्हें पार्टी के कई पदों से हटा दिया था.
इससे नाराज होकर उनके समर्थकों ने खूब नारेबाजी भी की, 26 नवंबर को सरकार के एक सांविधिक निकाय हुगली रिवर ब्रिज कमीशन के अध्यक्ष पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया, 27 नवंबर को प परिवहन मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया और फिर विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया.