केंद्र की मोदी सरकार हज कमेटी की ज़िम्मेदारियां बढ़ा सकती है। मीडिया में आई खबरों की मानें तो केंद्र सरकार हज कमेटी को हज कराने के साथ ही मुसलमानों द्वारा की जाने वाली दूसरी ज़ियारत (तीर्थयात्रा) की जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है।ख़बरों के मुताबिक, आने वाले दिनों में उमरा (सऊदी अरब), ईरान, इराक, जॉर्डन, सीरिया में स्थित मुसलमानों के दूसरे तीर्थस्थल की यात्रा का प्रबंध खुद सरकार कर सकती है।
फिलहाल ये ज़िम्मेदारी प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स निभाते हैं। लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद जो भी मुसलमान इन जगहों की ज़ियारत के लिए जाना चाहेगा वह हज कमेटी के ज़रिए जाएगा। ख़बरों के मुताबिक, इस संबंध में केंद्रीय अल्पसख्ंयक मंत्रालय राज्य सरकारों से भी विचार-विमर्श कर चुका है। जिस तरह से इसपर विचार किया जा रहा है उसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सरकार इस योजना को जल्द ही लागू कर सकती है।
इस मामले में जमीअत उलमा ए हिन्द के मौलाना उजैर की तरफ से बयान आया है। उनका कहना है, “ये सरकार का एक अच्छा कदम हो सकता है। इससे दूसरी जगहों की ज़ियारत के लिए जाने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों से निज़ात मिलेगी। ग़ौरतलब है कि सत्ता में आने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार ने मुसलमानों से जुड़े कई अहम मुद्दों में हस्तक्षेप किया है। हज सब्सिडी को ख़त्म करने से लेकर इंस्टेंट ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मोदी सरकार ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
हालांकि विपक्षी सरकार के इस हस्तक्षेप को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हिंदुत्ववादी सियासत बताते रहे हैं।विपक्षियों का आरोप है कि मोदी सरकार मुस्लिम समुदाय के मुद्दों में हस्तक्षेप कर ध्रुवीकरण करना चाहती है। बहरहाल, सरकार का हज कमेटी के ज़रिए मुसलमानों को ज़ियारत पर भेजने की यह योजना मुसलमानों के लिए राहत की ख़बर हो सकती है।