गांधी जी घर बैठ जाते तो देश आजाद नहीं होता, नफरत से लड़ना जरूरी
क़ौमी तंज़ीम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तारिक अनवर का बयान
प्यार से ही देश को आगे ले जाया जा सकता है: काजी निजामुद्दीन
नई दिल्ली: तंजीम की जानिब से गदरपुर में आयोजित सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया क़ौमी तंज़ीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष तारिक अनवर ने मुल्क की मौजूदा स्थिति पर दुख और तकलीफ प्रकट करते हुए कहा कि अगर हमने अपने पड़ोसी देशों से सीख नहीं ली और जिन लोगों ने धर्म की बुनियाद पर अलग जाने का फैसला किया था उनके हालात से सबक नहीं लिया तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी. श्री अनवर ने कहा कि ऑल इंडिया कौमी तंजीम पूरे मुल्क में इसीलिए आजादी के 75 सालों के संदर्भ में जश्न आयोजित कर रही है ताकि हम लोगों को बताएं कि गांधी जी के मुल्क में हिंसा और घृणा के लिए कोई जगह नहीं है और जो लोग सत्ता पर बीते 7 सालों से काबिज हैं वह किस तरह से देश में नफरत और घृणा के पक्षधर हैं और किस तरह से अंग्रेजों की बांटो और राज करो की पॉलिसी को आगे ले जा रहे हैं.
श्री अनवर ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह से बीते 7 सालों में गरीबी में बढ़ोतरी हुई है वह आब देश के सामने है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की बात की थी लेकिन आज किस तरह से बिजनेसमैन आत्महत्या कर रहे हैं वह भी सबके सामने आ चुका है. बेरोजगारी के साथ महंगाई की मार ने गरीबों की कमर तोड़ दी है और आम आदमी भी अब दुखी हो गया है, इसलिए जरूरी है कि नफरत और घृणा के खिलाफ सब उठ खड़े हो. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश की आज़ादी के लिए जो कुर्बानी दी थी हमें उसको बर्बाद नहीं जाने देना है.
उन्होंने कहा कि नफरत को पाटने के लिए हमें खुद आगे आना होगा. हम सिर्फ हालात का रोना रोकर घर नहीं बैठ सकते, बल्कि लोगों के बीच जाकर हमें काम करना होगा. उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में गांधी जी और उन के साथियों ने संघर्ष किया और देश को स्वतंत्रता दिलाई. अगर वह और उनके साथी घर बैठ जाते तो हम आजाद फिजा में सांस नहीं ले रहे होते. श्री अनवर ने कहा कि अब नफरत के खिलाफ बोलना धीरे-धीरे जुर्म की श्रेणी में आ रहा है. तारिक अनवर ने कहा कि त्रिपुरा में जो हुआ उस को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है. श्री राहुल गांधी जी ने जिस हिम्मत और हौसले के साथ आवाज बुलंद की उसकी पूरी दुनिया ने प्रशंसा की लेकिन अफसोस की बात यह है कि त्रिपुरा में नफरत के सौदागरों पर पुलिस खामोश है और उन लोगों पर केस करने की बात हो रही है जिन्हों ने नफरत रोकने के लिए पुलिस और सरकार को उसकी जिम्मेदारी का अहसास दिलाया. उन्होंने कहा कि आल इंडिया क़ौमी तंज़ीम का एक ही मकसद है कि पूरे मुल्क में नफरत के खिलाफ लोगों को मोहब्बत की बुनियादों पर इकट्ठा किया जाए. इस मौके पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव संगठन काजी निजामुद्दीन ने लोगों से मोहब्बत का प्रचार करने और नफरत के खिलाफ मुहिम चलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि मोहब्बत ही इस मुल्क को एक रख सकती है. प्रोग्राम का आयोजन क़ौमी तंज़ीम के राज्य के संयोजक शराफत अली मंसूरी ने किया. प्रोग्राम में हाजी आरफीन मंसूरी, राजेंद्र पाल सिंह, सिब्ते नबी, मौलाना जाहिद रजा, शैलेंद्र शर्मा, राशिद रजा, मुशर्रफ हुसैन, अमरजीत सिंह, नजमा बेगम, संजीव सिंह, श्रीवास्तव जी, इक़बाल सिंह और ऑल इंडिया कौमी तंजीम के संगठन महासचिव मोहम्मद अहमद समेत बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया और नफरत के खिलाफ मुहिम चलाने की अपील की.