नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री सुनील भराला प्रदूषण पर दिए अपने एक बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। दिल्ली-एनसीआर में धुंध से लोगों को राहत नहीं मिल रही है, सीएम अरविंद केरीवाल ने दिल्ली को गैस चैंबर बनाने के लिए पड़ोसी राज्य को जिम्मेदार ठहराया है। केजरीवाल के इसी आरोप पर सुनील भराला ने रविवार को मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पराली जलाना एक परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है इससे प्रदूषण नहीं होता। इतना ही नहीं मंत्री ने सरकार को बारिश कराने के लिए यज्ञ करने तक की सलाह दे डाली।
मंत्री ने कहा कि, पराली-पराली करके किसानों पर हमला बोला जा रहा है। पराली जलाने की प्रक्रिया हमेशा से चली आ रही है। जब किसान गन्ना छीलता है तो उससे पत्तियों के रुप में कूड़ा निकलता है। जब ये जलता है तो हल्की धुंआ निकलती ही है, उससे ज्यादा प्रदूषण नहीं होता है। किसानों पर हमला दुखद है। इस पर विचार करना चाहिए। मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो हमारी परंपरा थी गांवों में यज्ञ करने की, सरकार भी परंपरा के तहत यज्ञ कराए और भगवान इंद्र देव को मनाए, वे बरसात कराएंगे, सारा ठीक कर देंगे।
नोएडा में दो दिनों के लिए स्कूल कॉलेज बंद
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक, नोएडा के पीएम 2.5 और पीएम-10 की मात्रा में कमी दर्ज नहीं हो रही है। सेक्टर 62 में पीएम 2.5 486 और पीएम-10 459 पर रिकॉर्ड किया गया है। यही हाल सेक्टर 125, सेक्टर एक और सेक्टर 116 का भी है। इसी तरह गाजियाबाद भी प्रदूषण की जबर्दस्त चपेट में है। यहां एक्यूआई इंडेक्स 453 तक पहुंच गया। देश में सबसे अधिक वायु प्रदूषण वाले 15 शहरों में प्रदेश के भी 6 शहर शामिल हैं। इनमें नोएडा, गाजियाबाद के अलावा बुलंदशहर, हापुड़, बागपत व लखनऊ शामिल हैं। इसके चलते नोएडा में दो दिन के लिए सभी स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया है।