कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की मांग की।उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए शर्मा ने कहा कि दलगत राजनीति से परे हट कर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा बहाल की जानी चाहिए। कांग्रेस संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाती रही है।
वहीं, आनंद शर्मा के सवालों का राज्यसभा में जेपी नड्डा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक तय प्रोटोकॉल का पालन किया है। जब मंत्रालय किसी नेता की सुरक्षा बढ़ाता है या कम करता है तो इस दौरान कई पहलुओं की जांच की जाती है। नड्डा ने कहा कि कोई भी फैसला राजनीति को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया है।
बता दें कि सुरक्षा का दर्जा घटने का बाद कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी और उनके परिवार को मिलने वाली एसयूवी गाड़ी का दर्ज भी घट गया है। इस महीने की शुरुआत में गांधी परिवार से एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा वापस ले ली गई थी और उसकी जगह उन्हें जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है।
इससे पहले सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि इस फैसले में कोई राजनीति नहीं है और उनकी सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। नड्डा ने कहा कि गृह मंत्रालय में एक तय प्रक्रिया और प्रोटोकॉल है और उसी के तहत फैसला किया जाता है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसे फैसले गृह मंत्रालय की एक विशेष समिति खतरों की आशंका पर गौर करते हुए करती है। उन्होंने कहा कि लोगों को लिट्टे से खतरा था लेकिन अब लिट्टे समाप्त हो गया है। स्वामी ने कहा कि इसके अलावा जिनकी सुरक्षा की बात की जा रही है, उन्होंने खुद ही राजीव गांधी के हत्यारों की सजा कम किए जाने की अपील की और जेल में जाकर मुलाकात तक की। हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने स्वामी को टोकते हुए राजीव गांधी के हत्यारों से जुड़े मुद्दे को इस विषय में नहीं उठाने को कहा।