नई दिल्ली : निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किये गये बजट में सभी मंत्रालयों को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए फंड का आवंटन किया.
इसके तहत उन्होंने अपने मातहत वित्त मंत्रालय को सबसे ज्यादा राशि 13,86,273,30 करोड़़ रूपये आवंटित किये हैं.
सीतारमण ने दूसरे अहम मंत्रालयों जिनमें रक्षा, गृह, कृषि, रेल, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार, परमाणु उर्जा, रसायन और उर्वरक, आवासीय एवं शहरी विकास, जल शक्ति, श्रम, एमएसएमई और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय आदि को भारी भरकम राशि आवंटित करने का प्रस्ताव बजट भाषण में किया है.
ये भी पढ़ें : 17 राज्यों में पहुंची हिमाचल प्रदेश के फर्जी डिग्री घोटाले की आंच, मचा हड़कंप
सीतारमण ने अपने बजटीय भाषण में अलग-अलग विभागों व मंत्रालयों को कुल 34,83,235,63 करोड़ की राशि का आवंटन विभिन्न मदों में किया गया है.
सीतारमण ने अपने मातहत विभाग पर विशेष बल दिया है, साथ ही देश की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाते हुये गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों को क्रमशः 1,66,546,94 करोड़ और 4,78,195,62 करोड़ आवंटित किये हैं.
सरकार अगले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय पर विशेष ध्यान देगी, सरकार ने इसके लिये बजट में 2,56,948,40 करोड़ का प्रावधान किया है.
कोरोना काल में सरकार ने देश गरीब लोगों को फ्री राशन भी आवंटित किया था, वहीं सरकार ने देशभर में वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना लागू की है.
सरकार ने अगले साल बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रेल सभी को मजबूत बनाने के लिये बजट में बड़ी रकम को आवंटित किया है, कृषि क्षेत्र में भी बड़ी राशि 1,31,531,19 करोड रूपये आवंटित कर किसानों का विशेष ध्यान रखने की स्थिति स्पष्ट कर दी है.
जानेंं किस मंत्रालय को बजट में आवंटित की कितनी राशि
वित्त मंत्रालय- 13,86,273,30 करोड़़
रक्षा मंत्रालय- 4,78,195,62 करोड़
ये भी पढ़ें : बाजार में बरकरार है शानदार उछाल
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय- 2,56,948,40 करोड़
कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय- 1,31,531,19 करोड़
गृह मंत्रालय- 1,66,546,94 करोड़
रेल मंत्रालय- 1,10,054,64 करोड़
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय- 1,18,101 करोड़
ग्रामीण विकास मंत्रालय-1,33,689,50 करोड़
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय- 73,931,77 करोड़
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय- 12,768,25 करोड़
रसायन और उर्वरक मंत्रालय- 80,714,94 करोड़
संचार मंत्रालय- 75,265,22 करोड़
परमाणु उर्जा विभाग- 18,264 करोड़
शिक्षा मंत्रालय-93224,31 करोड़
विदेश मंत्रालय- 18154,73 करोड़
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय- 54581 करोड़
जल शक्ति मंत्रालय- 69053 करोड़
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय- 13306,50 करोड़
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय- 15699,65 करोड़
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय- 15943,78 करोड़
विद्युत मंत्रालय- 15322 करोड़
महिला और बाल विकास मंत्रालय- 24435 करोड़
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय- 14794,03 करोड़
सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग-11689,39 करोड़
अंतरिक्ष विभाग-13949,09 करोड़
इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय- 9720,66 करोड़
आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी आयुष मंत्रालय- 2970,30
नागर विमानन मंत्रालय- 3224,67 करोड़
संस्कृति मंत्रालय- 2667,99 करोड
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय- 2785,23 करोड़
नवीन तथा नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय- 5753 करोड़
अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय- 4810,77 करोड़
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय- 4071,23 करोड़
जनजातीय कार्य मंत्रालय -7524,87 करोड़
युवा मामले और खेल मंत्रालय- 2596,14 करोड़
पूर्वोतर क्षेत्र विकास मंत्रालय- 2658 करोड़
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय- 2869,93 करोड़
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय- 4322,82 करोड़
कपड़ा मंत्रालय- 3631,64 करोड़
पर्यटन मंत्रालय- 2026,77 करोड़
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय- 1897,13 करोड़
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- 1308,66 करोड़
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय- 1409,13 करोड़
भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय- 1017,08 करोड़
खान मंत्रालय- 1466,82 करोड़
योजना मंत्रालय- 1062,77 करोड़
राष्ट्रपति, संसद, संघ लोक सेवा आयोग और उपराष्ट्रपति का सचिवालय- 1687,57 करोड़
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय- 1702,35 करोड़
पंचायती राज मंत्रालय- 913 करोड़
कारपोरेट कार्य मंत्रालय- 712,13 करोड़
कोयला मंत्रालय- 534 करोड़
संसदीय कार्य मंत्रालय- 65,07 करोड़
इस्पात मंत्रालय-39,25 करोड़