शनिवार, मई 10, 2025
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति
इंग्लिश
उर्दू
विज़न मुस्लिम टुडे
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा
No Result
View All Result
विज़न मुस्लिम टुडे
No Result
View All Result
Home देश

गांधी और भगत सिंह इतिहास की कसौटी पर

Muslim Today by Muslim Today
मार्च 28, 2022
in देश
0 0
0
गांधी और भगत सिंह इतिहास की कसौटी पर
0
SHARES
31
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

महात्मा गांधी और भगत सिंह दोनों बहुत बड़े लोग है जिनके बारे में मेरी  कुछ भी कहने की कोई हैसियत नहीं है। इन दोनों महापुरुषों के प्रति अगाध श्रद्धा प्रदर्शित करते हुए उनमें से किसी को भी छोटा या बड़ा दिखाने की कोशिश न करते हुए सिर्फ उतनी बात हम देखने की कोशिश करना चाहिए जितनी बात इतिहास में दर्ज है। सहमति असहमति सबकी अपनी जगह है पर दुराग्रह की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। दुराग्रह उसे कहते हैं कि जिसका कोई प्रमाण नहीं होता फिर भी आप उसी बात पर अड़े रहते हैं।

लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी के फंदे पर भगतसिंह सहित जो तीन नौजवान हंसते हंसते झूले और कुछ देर  थरथराने के बाद शांत हो गए। कई बार लगता है कि इन तीन लाशों की तुलना में हम करोड़ों लोग कितने बोने हैं। आज पाकिस्तान के लाहौर में सेंट्रल जेल में भगतसिंह नहीं हैं। वहां एक बड़ा  सा मॉल बन गया है और एक बड़ी सड़क बन गयी है जिस पर रात दिन गाड़ियां दौड़ती रहती हैं। आज अगर ये तीन सपूत बोल सकते और वे हमसे पूछते कि हम भारत के लिए शहीद हुए या पाकिस्तान के लिए? तो न इस प्रश्न का आपके पास कोई जबाव है न मेरे पास।

इतिहास इन तीन लाशों पर रुका नहीं क्योंकि इतिहास कभी रुकता नहीं है वो तो चलता रहता है। इतिहास लाहौर से चला और सही 17 साल बाद 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस पहुंच गया। यहां एक 78 साल के बूढ़े आदमी को प्रार्थना के समय जाते हुए सामने से आकर कोई गोलीं मारता है और एक बहुत बड़ा आदमी जिसे हम अपना वटवृक्ष कहते थे, तीन गोलियां खाकर भर भरा कर गिर गया। उसकी भी लाश थोड़े समय तक थरथराती है और शांत हो जाती है। दिल्ली के बिड़ला हाउस  में आज गांधी नहीं हैं। वहां गांधी की यादें रह गयी हैं।

शाहिर लुधियानवी से माफी मांगते हुए यह पक्तियां प्रस्तुत  हैं-

ADVERTISEMENT

ये जश्न मुबारक हो फिर भी यह सदाकत है,

हम लोग हकीकत के अहसास से तारी हैं।

गांधी हों या भगतसिंह  इतिहास की नजरों में

हम दोनों के कातिल और दोनों के पुजारी हैं।

गांधी और भगत सिंह दोनों भारत की स्वाधीनता के लिए लड़े और अंतिम सांस तक लड़े।  भगत सिंह, गांधी के प्रति पूरा  सम्मान प्रदर्शित करते हैं।  भगत सिंह खुद  स्वीकार करते थे कि क्रांति का मतलब बम और पिस्तौल से नहीं है और इस तरह की पटाकेबाजी से क्रान्ति या बदलाव नहीं आ सकता।  वे एक गम्भीर व्यक्तित्व वाले नौजवान थे जो चिंतन और  विचार विमर्श को अधिक महत्व देते थे। उन्होंने कहा भी कि जब वे महात्मा गांधी के अहिंसक तरीके का विरोध कर रहे है तो  इसलिए कर रहे हैं कि उनको लगता है कि महात्मा गांधी एक अत्यंत असंभव आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं और भारतीय  समाज अभी अहिंसा के लिए तैयार नहीं है। लेकिन वे गांधी के प्रति पूर्ण सम्मान प्रदर्शित करते हुए कहते है कि महात्मा गांधी ने लोक जागरण का जो महान कार्य किया है उसके लिए उन्हें कोटि कोटि सलाम न किया जाय तो उनके प्रति बहुत बड़ा अन्याय होगा ।

गांधी और भगत सिंह दोनों के ही रास्ते, दोनों के कार्यक्रम, दोनों के संगठन, दोनों के लक्ष्य अलग थे। दोनों ही अपने विचारों से एक इंच भी सरकने को तैयार नहीं थे। फिर भी एक प्रश्न उठता  है कि गांधी को भगत सिंह को बचाने की कोशिश करनी चाहिए थी। क्योंकि गांधी राष्ट्रपिता थे। एक पिता बनना ही बहुत कठिन काम है, तो राष्ट्रपिता बनना तो बहुत ही कठिन काम है। करोड़ों करोड़ लोग और उनकी आकांक्षाएं, उनकी अपनी आशा और विश्वास उन सब का बोझ जो ढो सके, उन सबके दिए घावों को जो बर्दाश्त कर सके, जो अपनी जनता के आंसू पोंछ सके वही राष्ट्रपिता बन सकता है। इसलिए गांधी पर यह जिम्मेदारी आती है कि  उन्होंने अपने एक बच्चे को बचाने की कोशिश क्यों नहीं की?

महात्मा गांधी इंग्लैंड से बैरिस्टरी पढ़कर आये थे। वे जानते थे कि सारे सबूत भगत सिंह के खिलाफ हैं और अंग्रेज कानून के दायरे में उन्हें फांसी से बचाना मुश्किल है। गांधी यह भी जानते हैं कि वाइसराय इरविन को भी फांसी को  रद्द करने के अधिकार नहीं। ब्रिटेन की संसद ही वाइसराय की सिफारिश पर इसे रद्द कर सकती थी। सभी ऐतिहासिक दस्तावेज पब्लिक डोमेन में हैं ,लेकिन सत्य से किसे लेना देना है और  कौन इतना पढ़ेगा कि दरअसल गांधी ने भगत सिंह की फांसी को लेकर कितनी बहस वाइसराय से की और फिर वह बात कहाँ जाकर खत्म होती है। अंग्रेज ,गांधी से कहते हैं कि हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि लाहौर कांग्रेस होने तक फांसी न दें।

गांधी वाइसराय से कहते हैं कि देखिये  या तो आप भगतसिंह की फांसी को हमेशा के लिए रद्द करें और फांसी रद्द नहीं कर सकते तो  फिर मुझे कोई राहत न दें। मैं झेलूंगा जो मुझे झेलना है। लेकिन में आप से कोई घूस नहीं चाहता हूँ। अब आप गांधी की सैद्धांतिक दृणता को देखिए। वे कहते हैं कि मुझे बीच का कोई रास्ता नहीं चाहिए। फांसी का मुझ पर एक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा लेकिन मैं उसको झेलने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं आपसे कोई  गुप्त समझौता नहीं  करना चाहता।

भगत सिंह को बचाने के लिए 23 मार्च 1931 को वाइसराय को लिखी उस  चिट्ठी में गांधीजी ने  जनमत का  हवाला देते हुए लिखा  कि जनमत चाहे सही हो या गलत, सजा में रियायत चाहता है। जब कोई सिद्धांत दांव पर न हो तो लोकमत का मान रखना हमारा कर्तव्य हो जाता है. …मौत की सजा पर यदि आप यह सोचते हैं कि फैसले में थोड़ी सी भी गुंजाइश है, तो मैं आपसे यह प्रार्थना करूंगा कि इस सजा को आगे और विचार करने के लिए स्थगित कर दें।

जब गांधी कराची कांग्रेस में पहुंचते हैं  तो लाल कुर्तीधारी नौजवान भारत सभा के युवकों ने काले कपड़े से बने फूलों की माला गांधीजी को भेंट की. स्वयं गांधीजी ने कहा कि मैं यहां अपना बचाव करने के लिए नहीं बैठा था, इसलिए मैंने आपको विस्तार से यह नहीं बताया कि भगत सिंह और उनके साथियों को बचाने के लिए मैंने क्या-क्या किया?  मैं वाइसराय को जिस तरह समझा सकता था, उस तरह से मैंने समझाया. समझाने की जितनी शक्ति मुझमें थी, सब मैंने उन पर आजमा देखी।

आज जब भी चर्चा भगत सिंह की छिडती है तो वह गांधी तक ही जा पहुंचती है? लेकिन जब हम दोनों  शख्शियतों को देखते है तो ऐसी चर्चाएं मात्र 23 साल के  भगत सिंह की अद्भुत शहादत का गुमान और एक बूढ़े गांधी द्वारा उसे बचाए न जा सकने की शिकायत एक साथ मौजूद रहती है।

आज न तो भगत सिंह हमारे बीच हैं ना गांधी। हम भारतमाता के दोनों सपूतों को नमन करते हैं । आज जब इंटरनेट के युग में सब कुछ पब्लिक डोमेन में है। किसने क्या भूमिका निभाई? भगतसिंह की डायरियों, तत्कालीन पुस्तकों में और अदालतों के अभिलेखों में सभी की भूमिकाएं दर्ज हैं। उन्हें हम चाहकर भी बदल नहीं सकते।

( नोट- प्रस्तुत लेख में  कुछ अंश गांधी शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत के भाषण से लिये हैं)

Previous Post

ये विभाजन की विभीषिका के ‘क्लाशनिकोव’ क्षण हैं!

Next Post

पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका – इकबाल बानो

Next Post
पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका – इकबाल बानो

पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका - इकबाल बानो

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 24, 2024

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 23, 2024
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

अप्रैल 21, 2024

Our channel

https://www.youtube.com/watch?v=QnB3waJ7Awg
  • Trending
  • Comments
  • Latest
50 मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी, जिनके साथ इतिहास ने किया धोखा !

50 मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी, जिनके साथ इतिहास ने किया धोखा !

अगस्त 15, 2018
बिना कपड़े के लड़की से मालिश करवाते हुए दिखे स्वामी चिन्मयानंद, वीडियो वायरल

बिना कपड़े के लड़की से मालिश करवाते हुए दिखे स्वामी चिन्मयानंद, वीडियो वायरल

सितम्बर 11, 2019
सांसद संघमित्रा मौर्य ने पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से ली तलाक

सांसद संघमित्रा मौर्य ने पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से ली तलाक

मार्च 2, 2021
इमरान प्रतापगढ़ी के पहल पर झारखंड सरकार ने ड्राफ्ट किया मॉब लिंचिंग कानून 

इमरान प्रतापगढ़ी के पहल पर झारखंड सरकार ने ड्राफ्ट किया मॉब लिंचिंग कानून 

दिसम्बर 14, 2021
मोदी सरकार अपने चहेते उद्यगपतियों के लिए एक लाख करोड़ बैंकों में डाल रही है!

आज़ादी के बाद से अयोध्या का इतिहास झूठ से रचा गया है: रवीश कुमार

528
महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में 360 लोगों पर केस, 15 गिरफ्तार : बिहार

महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में 360 लोगों पर केस, 15 गिरफ्तार : बिहार

13
ईलाज कराकर लंदन से वापस लौटे अभिनेता इरफान खान

ईलाज कराकर लंदन से वापस लौटे अभिनेता इरफान खान

11
काले हिरण मामले में 5 साल की सजा के बाद सलमान खान को मिली विदेश जाने की इजाजत

काले हिरण मामले में 5 साल की सजा के बाद सलमान खान को मिली विदेश जाने की इजाजत

10
जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 24, 2024

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 23, 2024
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

अप्रैल 21, 2024
जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 17, 2024
Currently Playing

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

Uncategorized
जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized
क्या राजस्थान के सीकर लोकसभा सीट से कॉमरेड अमराराम की होगी जीत | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

क्या राजस्थान के सीकर लोकसभा सीट से कॉमरेड अमराराम की होगी जीत | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized

टैग्स

#aamAadmiParty (21) #AamAdmiParty (28) #AAP (39) #adeshGupta (15) #BjpDelhi (38) #BJP Government (127) #BOLLYWOOD (40) #Congress (123) #Covid19 (14) #delhi (203) #delhinews (17) #JamiaMilliaIslamia (19) #KEJRIVAL (16) #kisan andolan (18) #Maharashtra (42) #modi (62) #mumbai (21) #newstoday (33) #PM Modi (115) #PriyankaGandhivadra #CongressParty #RahulGandhi (25) #Rahul Gandhi (39) #yogi (13) AMERICA (14) Amit Shah (18) ARVIND KEJRIVAL (41) Bihar (46) BJP (165) coronavirus (156) Hindi News (447) India (418) Kejriwal (20) Politics (47) Ravish Kumar (15) RSS (26) Supreme Court (16) Uttar Pradesh (55) Yogi Adityanath (47) Yogi Govt (16) अखिलेश यादव (20) अमित शाह (13) उत्तर प्रदेश (95) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (15) बीजेपी (19) भाजपा (23) राहुल गांधी (17)

हमारे बारे में

विजन मुस्लिम आज वर्तमान में एक राजनीतिक पत्रिका और एम टी मीडिया वेंचर्स के एक पोर्टल, वैश्विक समाचार और हमारे अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू प्रकाशनों में मौजूदा मामलों के साथ काम कर रहा है।

श्रेणियां

  • Uncategorized (125)
  • अन्य विषय (70)
  • अर्थव्यवस्था (53)
  • इतिहास (13)
  • खेल (531)
  • देश (4,002)
  • प्रौद्योगिकी (17)
  • फैक्ट चेक (2)
  • भारतीय (3,704)
  • भारतीय मुस्लिम (189)
  • मनोरंजन (247)
  • मुद्दे (182)
  • मुस्लिम दुनिया (142)
  • राजनीति (4,111)
  • विदेश (321)
  • वीडियो (4)
  • शिक्षा (44)
  • संपादकीय (84)
  • संस्कृति (9)
  • साक्षात्कार (12)
  • सिनेमा (67)
  • स्तंभ (174)
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति

© 2021 Muslim Today

No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा

© 2021 Muslim Today

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist