प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में देश के युवाओं को रोजगार देने का जो वादा किया था उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है इस मामले में बीजेपी को देश के युवाओं द्वारा कई बाहर गिरा जा चुका है। अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने देश में बढ़ती बेराज़गारी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ज़रूरत के मुताबिक रोज़गार मुहैया कराने में नाकाम है। पूर्व आरबीआई गवर्नर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मौजूदा भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ी तो है लेकिन इसका फायदा सबको नहीं मिला है। रोज़गार कुछ ही लोगों को मिला है, जबकि ज़्यादातर लोग इससे वंचित रहे हैं।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
उन्होंने कहा कि भारत को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 7 फीसदी से और आगे ले जाने की जरूरत है। सस्ते श्रमिकों के बाद भी भारत के निर्यात में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है। इसके साथ राजन ने भारत की राजकोषिय स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राजकोषिय स्थिति में बीते पांच सालों में कोई सुधार नहीं हुआ है। भारत को माइक्रो स्टेबिलिटी और राजकोषिय घाटे के स्तर पर और भी मेहनत करने की ज़रूरत है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में किसानों की खराब हालत का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने निर्यात और श्रम के क्षेत्र महिलाओं की भागीदारी कम होने पर भी चिंता जाहिर की।

गौरतलब है कि इससे पहले भी रघुराम राजन नौकरियों के लिए वर्तमान ग्रोथ रेट को अपर्याप्त बता चुके हैं। इसी साल मार्च में उन्होंने कहा था कि भारत को अगले 20 साल के बारे में सोचकर काम करना चाहिए। उन्होंने हॉन्ग-कॉन्ग में आयोजित एक कार्यक्रम के संबोधन में कहा था कि 7.5 फीसदी का ग्रोथ रोजगार सृजन के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए कम से कम भारत को 10 फीसदी का ग्रोथ रेट चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत सही रास्ते पर काम करे तो 10 फीसदी का ग्रोथ हासिल कर सकता है।