नई दिल्ली: आर्थिक और रोजगार मोर्चे पर पहले ही अलोचनाएं झेल रही केंद्र सरकार को शुक्रवार उस समय बड़ा झटका लगा, जब दूसरी तिमाही में जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। आंकड़े सामने आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर बडा हमला बोला। उन्होंने कहा कि, हमारी अर्थव्यवस्था की जो हालत है वह बेहद चिंताजनक है लेकिन उससे भी ज्यादा हमारे समाज की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।
मनमोहन सिंह ने कहा, आज जारी जीडीपी के आंकड़े 4.5 फीसदी तक कम हैं। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है। हमारे देश की आकांक्षा 8-9 फीसदी की दर से बढ़ना है। सकल घरेलू उत्पाद की 5 फीसदी से 4.5 फीसदी तक की तीव्र गिरावट चिंताजनक है। आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा ‘हमारे समाज में आज डर का माहौल है। इसे डर को आत्मविश्वास में बदलने की जरूरत है। कई उद्योगपति मुझे बताते हैं कि वे सरकारी अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के डर के साये में रहते हैं। प्रतिशोध के डर से बैंकर नए ऋण लेने के लिए अनिच्छुक हैं। विपरीत परिणामों और असफलता के डर से उद्यमी नए प्रोजेक्ट शुरू करने में हिचकिचा रहे हैं। आर्थिक विकास और नौकरियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण टेक्नॉलजी स्टार्ट-अप्स पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।’