गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 26 साल पुराने मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसके अलावा मुख्तार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गुरुवार को गाजीपुर की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी और अवधेश राय हत्याकांड में दोषी सिद्ध होने के बाद ये सजा सुनाई है।
सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्तार के खिलाफ वैसे तो 54 केस हैं। लेकिन गैंगस्टर ऐक्ट में कार्रवाई के लिए 5 केस को आधार बनाया गया था। इन 5 में 2 वाराणसी, 2 गाजीपुर और एक चंदौली में हुए केस थे। 1996 में ये केस दर्ज हुए थे। 26 साल के बाद आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
बता दें कि 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में आज 26 साल बाद कोर्ट ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया। गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मामले थे, इसमें दो गाजीपुर, दो वाराणसी और एक चंदौली में मामला दर्ज था। इस मामले में 12 दिसंबर को 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी थी। इसके बाद फैसला सुनाने की तारीख 15 दिसंबर तय की गई थी।
दरअसल, मुख्तार अंसारी मनी लांड्रिंग केस में प्रयागराज में ईडी की 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर है। लिहाजा फैसले के वक्त वह गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में मौजूद नहीं था। चूंकि किसी भी मुकदमे में फैसला सुनाए जाने के वक्त आरोपियों की कोर्ट में मौजूदगी जरूरी होती है, लिहाजा प्रयागराज के ईडी दफ्तर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के इंतजाम किए गए थे। इसके लिए एक स्क्रीन लगाई गई थी।