बेंगलुरु: कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेकुलर) के प्रमुख एच डी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी की शादी में बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए।
बीते शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल की शादी कर्नाटक के पूर्व आवास मंत्री और कांग्रेस नेता एम कृष्णप्पा की रिश्तेदार रेवती के साथ हुई है।
विवाह की रस्में बेंगलुरु से 55 किलोमीटर दूर जद (एस) के गढ़ माने जाने वाले रामनगर जिले के बिडाडी स्थित कुमारस्वामी के केथागनहल्ली फार्महाउस में हुई।
रामनगर जिले के भाजपा अध्यक्ष एम रुद्रेश ने आरोप लगाया, ‘हमें सूचना मिली है कि विवाह समारोह तक जाने के लिए 150 से 200 गाड़ियों को अनुमति दी गई।
ये भी पढ़ें: दुनियाभर में कोरोना की वजह से 22 लाख से ज्यादा हो चुके संक्रमित, 1.50 लाख से अधिक लोगों की मौत।
यह ऐसे समय हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए भी वाहनों के परिचालन की अनुमति नहीं मिल रही है।’
उन्होंने कहा, ‘अब तक रामनगर कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित है और ‘ग्रीन जोन’ में है। अगर जिले में कोरोना वायरस फैलता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी देवेगौड़ा परिवार की होगी।’
रुद्रेश ने कहा कि वह रामनगर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूछेंगे कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर लोगों को जमा होने की अनुमति क्यों दी गई।
हालांकि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों का जद (एस) के विभिन्न नेताओं ने खंडन किया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कुमारस्वामी के मीडिया सचिव के सी सदानंद ने कहा कि 45 से 50 की संख्या में परिवार के सदस्य और रिश्तेदार फार्महाउस में मौजूद थे।
उन्होंने कहा, ‘शादी में लॉकडाउन के नियमों का पालन किया गया। परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के अलावा सिर्फ ड्राइवर, रसोइये, वेटर और नौकर ही समारोह में मौजूद थे।
सबूत के लिए और उल्लंघन के किसी भी आरोप को देखते हुए पूरा कार्यक्रम कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है।’
सदानंद ने कहा, ‘अगर रुद्रेश के पास लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन का कोई वीडियो संदेश हो तो वह उसे जांच के लिए स्थानीय पुलिस को दे सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान नियमों के अनुसार सामाजिक और शारीरिक दूरी बनाए रखी गई थी।’
विधान पार्षद ए श्रवण ने कहा, ‘मंच पर रस्मों को निभाने के लिए केवल आठ लोग मौजूद थे बजाय भीड़ के, जैसा कि दावा किया गया है। पूरे विवाह समारोह के दौरान सामाजिक दूरी का अनुपालन किया गया था।’
जद(एस) नेता एनएच कोना रेड्डी ने भी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी नियमों का अनुपालन किया गया।
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय दिशा निर्देश में जो भी कहा गया है उसका पूरी तरह से अनुपालन किया गया था। सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा गया था।’
सूत्रों ने बताया कि परिवार को कोविड-19 के मद्देनजर वृहद शादी समारोह के कार्यक्रम को छोटा करना पड़ा और केवल परिवार के सदस्य ही शामिल हुए।
इस मामले को लेकर बिडाडी के सब इंस्पेक्टर सी भास्कर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, ‘लॉकडाउन नियमों का पालन किया गया और परिवार के सदस्यों और कुमारस्वामी के करीबी रिश्तेदारों समेत तकरीबन 100 लोगों को शादी में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि लॉकडाउन लागू है तो पुलिस पास के साथ 40 वाहनों को फार्म हाउस जाने के लिए अनुमति दी गई थी।’
भास्कर ने कहा कि हालांकि जब शादी हो रही थी तो आसपास के गांवों के लोग हाईवे पर आ गए थे, उन्हें हटा दिया गया था। केवल उन्हीं लोगों को जाने का मौका दिया गया, जिनके नाम जिला प्रशासन द्वारा फाइनल किया गया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, हालांकि समारोह में नवविवाहित जोड़ा और कुमारस्वामी, उनकी पत्नी अनीता, पिता एच डी देवेगौड़ा, मां चिन्नम्मा समेत परिवार के सदस्यों ने मास्क नहीं लगाया था। नाश्ते और खाने के समय वे लोग मास्क लगाए नजर आए थे।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि उन्होंने जिले के पुलिस कमिश्नर और उपायुक्त से लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन होने की जांच करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि इस हफ्ते के शुरुआत में कुमारस्वामी ने वीडियो संदेश में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में भीड़ के जमा होने पर रोक है और विवाह सादगी पूर्ण पारिवारिक समारोह होगा जिसमें न्यूनतम लोग शामिल होंगे।
कुमारस्वामी ने पार्टी कार्यकर्ताओं, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों से विवाह समारोह स्थल पर नहीं आने की अपील की थी।
ये भी पढ़ें: घोटाला : लॉकडाउन में गरीबों का राशन खा रही शिवराज सरकार! 10 किलो के कट्टे में सिर्फ 7 किलो आटा
उनके मुताबिक, लॉकडाउन के कारण विवाह घर पर ही कराने की योजना थी, लेकिन सामाजिक दूरी को बनाए रखना चुनौती थी इसलिए विवाह रामनगर जिले में संपन्न करने का फैसला किया गया था।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में सबसे अधिक कोविड-19 के मामले आए हैं और जिला रेड जोन के रूप में चिह्नित है इसलिए भी विवाह स्थल को बदला गया था।