दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर का 94 साल की उम्र में निधन खबर सामने आई है। यूपीए सरकार ने भारत में मुसलमानों की स्थिति पर बनाई गई जस्टिस सच्चर कमेटी काफी चर्चा में रही थी। इस कमिटी के अध्यक्ष जस्टिस राजिंदर सच्चर थे। इसके जस्टिस सच्चर एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी थे। मानवाधिकार को लेकर जस्टिस सच्चर ने काफी काम किया था।
बताया जा रहा है की जस्टिस सच्चर काफी समय से बीमार थे और हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सच्चर के एक करीबी ने बताया, ‘दोपहर 12 बजे के करीब उनका निधन हुआ। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था।’ उनका जन्म 22 दिसम्बर 1923 को हुआ था, उनके पिता का नाम भीम सेन सच्चर था. उन्होंने अपनी पढ़ाई लाहौर से की थी। डीएवी हाईस्कूल, गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर और लॉ कॉलेज लाहौर से उन्होंने पढ़ाई की।
22 अप्रैल 1962 को राजेंद्र सच्चर ने शिमला कोर्ट में खुद को वकील के तौर नामांकित किया। 1970 में दो साल के लिए उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का अडिशनल जज बनाया गया। इसके बाद वह दिल्ली हाई कोर्ट के जज बने। दिल्ली हाई कोर्ट के अलावा वह कई राज्यों के कार्यवाहक चीफ जस्टिस रह चुके थे। वह 6 अगस्त 1985 से 22 दिसंबर 1985 तक चीफ जस्टिस रह चुके थे।
मार्च 2005 में जस्टिस राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में सच्चर कमेटी बनाई गई थी. भारत में मुस्लिम समुदाय की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए सच्चर कमेटी बनी थी।