लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को बड़ा झटका देते हुए उनकी संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
राहुल गांधी इस वक्त अपने करियर के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। राहुल को तो सबसे पहले नियमित जमानत की अर्जी दाखिल करना होगा। अगर 30 दिन के अंदर उन्हें नियमित जमानत नहीं मिलेगी तो उन्हें सरेंडर करना होगा। राहुल को सबसे पहले सेशन कोर्ट जाना होगा। अगर वहां उन्हें राहत नहीं मिलेगी तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना होगा। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 2 साल ये उससे ज्यादा की सजा पर सांसदी या विधायकी चली जाती है।
लोकसभा के पूर्व महासचिव व संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचारी ने कहा कि सजा का ऐलान होने के साथ ही अयोग्यता प्रभावी हो जाती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपील करने के लिए स्वतंत्र हैं और अगर अपीलीय अदालत दोष सिद्धि और सजा पर रोक लगा देती है, तो अयोग्यता भी निलंबित हो जाएगी।
पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। वहीं, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम डरने या चुप रहने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में JPC के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।
राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे। वह पहली बार 2004 में अमेठी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे और 2019 तक वह वहां पर सांसद रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में वह केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी के हाथों अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने वायनाड से चुनाव जीत कर अपनी संसद सदस्यता बरकरार रखी थी।