नई दिल्ली –केरल में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से मची तबाही ने लोगों के जीवन के नेस्तनाबूद करके रख दिया है,केरल के हालात बेहद खतरनाक हो गए हैं.इस वर्ष केरल में होने वाली बारिश ने 100 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.राज्य के कई क्षेत्र पूरी तरह से जलभराव के कारण ध्वस्त हो गए हैं.जल को वहां से निकलने के लिए नदियों के 80 डैम खोल दिए गए हैं.बाढ़ में अब तक 350से ज़्यादा व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है और दो लाख 23 हजार से अधिक लोग घर से बेघर हो गए हैं. इन लोगों ने 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में शरण ली है.यह जानकारी केरल के सीएमओ ख़ुद दी है।

केरल के वायनाड, कोझीकोड, कन्नूर, कासरगोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, इदुक्की व एरनाकुलम में भारी बारिश के सबब रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। वही मानसून के इस मौसम को देखते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अभी तक 774 लोगों की मौत हो चुकी है।
गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (NERC) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान जा चुकी है। केरल में हाई अलर्ट के बाद जहां सरकारी एजेंसियां बाढ़ पीड़ितों की मदद करती नज़र आ रही है वहीं कोझिकोड ज़िले के एक मदरसे ने बाढ़ में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए है।

कोझिकोड जिले के मदरसे में बड़ी संख्या में बाढ़ पीडितों ने शरण ली हुई है, जिनका मदरसा प्रशासन की तरफ से खाने पीने और सोने का पूरा इंतेजाम किया गया है। इंसानियत की बेहतरीन मिसाल पेश करने वाले इस मदरसे के इस कदम की सोशल मीडिया पर लोग तारीफ़ कर रहे है। सुदीप सुधाकरण नाम के एक यूज़र ने ट्विटर कर मदरसे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, केरल के कोझिकोड का यह मदरसा ज़िले का सबसे बड़ा राहत शिविर है।