केंद्र की मोदी सरकार का अब फिल्मी दुनिया के लोगों ने भी विरोध करना शुरु कर दिया है। देशभर के तकरीबन 100 फिल्म मेकर्स का मानना है कि मोदी सरकार के शासनकाल में देश में नफ़रत बढ़ी है, जिसे रोकने के लिए बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना ज़रूरी है।
इन फिल्म मेकर्स ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट न दें।
‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत इन फिल्ममेकर्स ने लोगों से बीजेपी के खिलाफ वोट करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही फिल्ममेकर्स ने लोगों से ऐसी सरकार चुनने की अपील की है जो भारत के संविधान का सम्मान करती है, बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करती है।
जिन फिल्म मेकर्स ने बीजेपी का विरोध किया है उनमें आनंद पटवर्धन, एसएस शशिधरन, सुदेवन, दीपा धनराज, गुरविंदर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, कबीर सिंह चौधरी, अंजलि मोंटेइरो, प्रवीण मोरछले देवाशीष मखीजा और उत्सव के निर्देशक और संपादक बीना पॉप जैसे नामी फिल्मकार भी शामिल हैं।
संयुक्त अपील में कहा गया है, “हम सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से अलग हैं पर हम हमेशा एकजुट रहे हैं। एक राष्ट्र के रूप में। इस बेहतरीन देश के नागरिक होने पर हमेशा गर्व है।”
इन फिल्म मेकर्स का मानना है कि बीजेपी के शासनकाल में धुव्रीकरण और घृणा की राजनीति में बढ़ोतरी हुई है। दलितों, मुसलमान और किसानों को हाशिए पर धकेल दिया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि 2014 में भाजपा सत्ता में आने के बाद से देश का धार्मिक रूप से धुव्रीकरण किया किया जा रहा है।
फिल्मकारों ने अपने बयान में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी देश को सांप्रदायिकता के आधार पर बांट रही है। बयान में कहा गया है कि बीजेपी देशभक्ति की भावना को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी अपने चुनावी मक़सद को साधने के लिए सशस्त्र बलों को भी नहीं छोड़ रही।