नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता साशा की मौत हो गई। नामीबिया से पिछले साल कूनो नेशनल पार्क में लाए गए आठ चीतों में से एक साशा की सोमवार को मौत हो गई।
एबीपी न्यूज़ के अनुसार कूनो नेशनल पार्क की ओर से कहा गया कि 22 तारीख को मादा चीता साशा को मॉनिटरिंग टीम ने सुस्त पाया था। जांच करने पर पाया कि उसे इलाज की जरूरत है जिसके बाद उसे क्वारंटीन बाड़े में लाया गया। उसके ब्लड सैंपल की जांच से पता चला कि उसके गुर्दों में संक्रमण है। आगे की जांच में पता चला कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत लाने से पहले से ही थी। इलाज के दौरान साशा की मौत हो गई।
भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने नामीबिया के चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन से साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री मंगाई। भारत के डॉक्टरों को इसे पढ़ने के बाद पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में किए गए अंतिम ब्लड सैंपल जांच में भी क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा पाया गया था जिससे यह पुष्टि हुई कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत में आने के पहले से ही थी।
बता दें कि साशा की उम्र तीन साल थी। पिछले साल 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। 70 साल बाद पहला मौका था, जब विदेशी चीते को भारतीय धरती पर लाया गया था। इस जत्थे में आठ चीते थे, जिन्हें मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। साशा के साथ सात और चीते भारत लाए गए थे।