भारतीय जनता पार्टी ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करती तो है। मगर, हकीकत ये है कि, बीजेपी सवर्णों की पार्टी है। BJP पर दलित और पिछड़ों की अनदेखी करने का आरोप लगता रहा है। अब पिछड़ों की अनदेखी का आरोप खुद भाजपा सांसद ने अपनी पार्टी पर लगाए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता और उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने अपना टिकट कटने के डर से यूपी भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डे को पत्र लिखकर धमकी दी है। साक्षी महाराज ने लिखा है कि, “अगर उन्नाव से पार्टी मेरा टिकट काटती है तो, इससे मेरे समर्थक भड़क जाएंगे और ये पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा।”
2014 चुनाव में अपनी जीत का उल्लेख करते हुए साक्षी महाराज ने पत्र में उन्नाव के जातीय समीकरण के बारे में विस्तार से बताया है, “उन्नाव में 10 लाख लोधी, निषाद और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटर्स हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साढ़े छ: लाख लोग हैं, क्षत्रिय और ब्राहमण के कुल मिलाकर महज तीन लाख वोट हैं। वहीं 1 लाख 20 हजार मुस्लिम वोट है।”
साक्षी महाराज ने इसी के साथ उन्नाव में जनप्रतिनिधियों के बारे में बताते हुए लिखा है कि, “उन्नाव में छ: के छ: विधायक, एक एमएलसी और एक जिला पंचायत अध्यक्ष सभी सवर्ण जाती के हैं। ये सभी बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं।
वहीँ, साक्षी मजराज ने उन्नाव से सपा के संभावित लोकसभा प्रत्याशी अरुण कुमार शुक्ला को कद्दावर नेता मानते हुए यहाँ BJP को खतरा बताया है। उन्होंने कहा “उन्नाव में मुझे छोड़कर ओबीसी का कोई प्रतिनिधितत्व नहीं है। वैसे भी पार्टी पर यदा-कदा ओबीसी की उपेक्षा का आरोप लगता रहता है। दुर्भाग्य से मेरे अलावा ओबीसी का कोई प्रतिनिधितत्व जिले में नहीं है।”
बता दें कि उन्नाव लोकसभा सीट 15 साल बाद साक्षी महाराज ने BJP की झोली में जीतकर डाली थी। साक्षी ने साफ़ शब्दों में आगे लिखा है , ”मेरे जनपद में आने से पहले भाजपा का कोई प्रतिनिधितत्व एक दशक से जनपद में नहीं था। आज 6 विधायक और एक एमएलसी भाजपा के हैं। अगर उन्नाव में पार्टी मेरे खिलाफ कोई निर्णय लेती है तो इससे मेरे समर्थकों को आहात होने की पूरी संभावना है। इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा।”
वहीँ साक्षी महाराज ने कहा है कि, उन्होंने पांच सालों में रात-दिन एक करके करोड़ों रुपए लगाकर पार्टी को जिले में मजबूत करने का काम किया है।