श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने शनिवार को राज्य की विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर घाटी में नजरबंद पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दे दी। पार्टी के प्रवक्ता मदन मंटू ने बताया कि प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में 15 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह जम्मू से इंडिगो की उड़ान से श्रीनगर के लिए रवाना होगा। इसमें पार्टी के कई पूर्व विधायक शामिल हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रवक्ता मदन मंटू ने अपने बयान ने कहा- “जम्मू-कश्मीर सरकार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति दे दी है, जिन्हें हिरासत में रखा गया है।”
जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) प्रयासरत रही है। पिछले दो माह में राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया। उन्होंने घाटी में पार्टी के शीर्ष नेताओं पर अभी भी पाबंदियां जारी रखने की निंदा की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद, पांच बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने देश में लोकतंत्र के साथ जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया है।
तीन दर्जन प्रमुख नेता रिहा
राज्य में अब तक नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस से जुड़े करीब तीन दर्जन प्रमुख नेता जिन्हें कथित तौर पर नजरबंद बनाया गया था, उन्हें मुक्त कर दिया गया है। अलबत्ता, राज्य के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और नौकरशाही छोड़ रियासत की सियासत में सक्रिय हुए शाह फैसल समेत करीब एक हजार प्रमुख नेता व कार्यकर्ता फिलहाल एहतियातन हिरासत या नजबंद हैं।