नई दिल्ली : तीनों नए कृषि बिलों को लेकर जारी किसानों के प्रदर्शनों के बीच किसान मजदूर संघ बागपत के 60 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से कृषि भवन में मुलाकात की.
तोमर मंत्री ने कहा कि आज बागपत पूरे देश में कृषि के लिए प्रसिद्ध है, वहां के किसान कृषि कानून के समर्थन में आए हैं.
इन्होंने एक समर्थन पत्र दिया है और कहा है कि सरकार को किसी दबाव में आने की जरूरत नहीं है, तोमर ने कहा कि मैं समर्थन के लिए किसानों का धन्यवाद देता हूं.
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राहुल गांधी के कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने को लेकर उन्होंने कहा कि राहुल जो बोलते हैं उसे कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती है, आज जब वे हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति के साथ अपना विरोध दर्ज कराने गए.
तो इन किसानों ने मुझे बताया कि कांग्रेस से कोई भी उनके पास अपना हस्ताक्षर लेने नहीं आया था, तोमर ने कहा कि कांग्रेस को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपनी सरकार में किसान के लिए क्यों कुछ नहीं किया.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र हमेशा से किसान विरोधी रहा है, ये तीनों बिल के तत्व कांग्रेस के 2019 के मेनिफेस्टो में थे.
उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि वह बताएं कि वो आज झूठ बोल रहे हैं या 2019 में झूठ बोल रहे थे, तोमर ने कहा कि आपातकाल लगाने वाले आज लोकतंत्र की बात कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि राहुल गांधी की अगुआई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.
पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करते हुए राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के बाद कहा कि सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए.
इस प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे.