नई दिल्ली : किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है, मोदी सरकार से बातचीत को लेकर किसान नेता आज मीटिंग करेंगे, यह तय करेंगे मोदी कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं.
मोदी सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी, दूसरी तरफ किसान नेता हन्नान मुला ने कहा कि सरकार दिखावा कर रही है, एजेंडे पर चर्चा नहीं चाह रही, बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर ही हो.
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किसानों नेताओं ने कहा कि सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है, इसमें पुरानी बातों पर ही जोर है, मोदी सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रपोजल में थे.
मोदी सरकार पुराने प्रपोजल पर बातचीत चाहती है, बिल रद्द करने और MSP पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा नहीं चाहती.
राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री से मीटिंग का न्योता नहीं मिला है, जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, किसान पीछे नहीं हटेंगे, सभी मुद्दे सुलझाने में एक महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा, सरकार हमारे पास आएगी.
दिल्ली, और यूपी की सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां भूख हड़ताल भी जारी है, हर दिन 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे, वहीं, हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे.
सिंघु बॉर्डर पहुंचे 75 साल के किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को सल्फॉस पीकर जान देने की कोशिश की, वे PGI रोहतक में भर्ती हैं, जेब से मिले नोट में लिखा है.
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किसानों को ठिठुरते देख रोना आता है, सरकार सुन नहीं रही और किसानों की जान जा रही है, कुर्बानी देना चाहता हूं.
भाकियू के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 25 दिसंबर को कनाडा, इंग्लैड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रिया जैसे देश जहां पंजाबियों की संख्या ज्यादा है, वहां की एंबेसी के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.
भाकियू दोआबा के प्रधान मंजीत सिंह ने पंजाब में आढ़तियों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर कहा कि सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा.