मशहूर उर्दू लेखक और पत्रकार अशरफ आस्थानवी का बुधवार सुबह पटना में निधन हो गया, वे लगभग 70 वर्ष के थे। उर्दू साहित्य और उर्दू पत्रकारिता में योगदान के लिए अशरफ आस्थानवी को कई पुरुस्कार व अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
अशरफ आस्थानवी स्तंभकार आवामी उर्दू निफाज कमिटी के सुप्रीमों रह चुके हैं, साथ ही राज्यपाल के पूर्व प्रेस सलाहाकार और मुस्लिम टुडे ग्रुप के चीफ़ ब्यूरो के पद पर रहकर पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दीं हैं।
मुस्लिम टुडे ग्रुप चीफ एडिटर आगा खुर्शीद अशरफ आस्थानवी के बारे में कहते हैं कि बिहार में उर्दू सहाफ़त को मौजूदा दौर में इज़्ज़त और बुलंदियों पर पहुंचाने के जिन जिन शख़्सियतों का नाम आता है, उन्ही नामों में एक नाम अशरफ़ अस्थानवी का भी शामिल था। ये अज़ीम शख़्सियत अशरफ़ अस्थानवी की वफ़ात से उर्दू अदब को होने वाले नुकसान का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता।
अशरफ़ अस्थानवी उर्दू साहित्य और देश के मुद्दों से जुड़े कई मशहूर किताबें लिखी। इसके अलावा समाज में हो रहे परेशानियों को अपने लेख के द्वारा उजागर करते रहे साथ सत्ता पक्ष की कमियों और उनके कार्यशाला पर हमेशा अपने तीखे अंदाज़ से सवाल उठाते रहे।
अस्थानवी का कहना , ‘जिस लोकतंत्र के लिए हम लड़े थे उस पर हमला हो रहा है और सरकार यह कर रही है। लोगों की आवाज दबाई जा रही है, सामाजिक कार्यकर्ताओ और पत्रकारों की आवाज़ को कुचला जा रहा है। देश की जनता हंसने की स्थिति में नहीं हैं।