दिल्ली-पिछले दिनों हरियाणा के गुड़गाव में होटल मालिक जफरुद्दीन को कुछ असामाजिक तत्वों ने घेर लिया था जिसके बाद जफरुद्दीन से ज़बरन पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लगवाए व उसके बाद ज़बरन हेयर सैलून की दूकान पर ले जाकर उसकी दाढ़ी को काट दिया था, मामले ने तूल पकड़ा तो मामला बहुत ही गरमा गया था।
आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग के साथ नेशनल राईट्स रिसोर्स सेंटर (NRRC) की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने हरियाणा के गुड़गांव के जफरुद्दीन से मुलाक़ात कर बातचीत की जिसके साथ कुछ असामाजिक तत्वों के द्बारा जबरन दाढ़ी काटने और मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है. फैक्ट फाइंडिंग टीम में जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता, सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता और पत्रकारबंधू शामिल थे I फैक्ट फाइंडिंग टीम ने जफरुद्दीन से मुलाक़ात कर घटना का जायज़ा लिया,एक सैलून (गुरुग्राम सेक्टर 37) तथा पुलिस स्टेशन सेक्टर 37 जहां इसकी FIR दर्ज कराई गई थी फैक्ट फाइंडिंग टीम ने दौरा भी किया और जहाँ ज़फ्रुद्दीन अपना होटल चलाता है टीम ने वहां का भी जायज़ा लिया।

विनोद शर्मा (सैलून की जगह के मालिक), गुरुग्राम सेक्टर 37 के पुलिसकर्मी (जिन्होंने अपना नाम बताने से मना कर दिया), जफरुद्दीन और उसके के रिश्तेदार और पड़ोसियों से बातचीत पर 11 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का मानना है कि ज़फरुद्दीन के साथ हुई घटना कोई आपसी झगड़ें या कोई रंजिश नहीं है बल्कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत होने वाली घटना है जो रणनीति तैयार कर की गई थी. यह अच्छी तरह से प्रशिक्षित और राइट विंग पार्टियों और संगठनों का एक समूह है जिसे सरकार का संरक्षण प्राप्त है, घटना के दिन ज़फरुद्दीन ने मदद के लिए पुलिस को बुलाया लेकिन पुलिस ने पीड़ित की एक तक ना सुनी और पीड़ित को वहां से टरका दिया गया ।

फैक्ट फाइंडिंग टीम का मानना है की इस घटना को देशद्रोह का रंग देने के लिए साम्प्रदायिक मानसिकता वाले युवको ने ज़फरुद्दीन से ज़बरन पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगवाए ताकि माहौल गरमा सके और शहर की फ़िज़ा में ज़हर घुल दंगा हो सके,इस घटना को अंजाम देने के लिए एक मुस्लिम सैलून का चुनाव भी इसी रणनीति के साथ किया गया ताकि इसकी असल मकसद और तीव्रता को कम किया जा सके और मुसलमानों को खौफ़जादा भी किया जा सके !

फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों का मानना है की यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि यह एक घार्मिक नफरत के आधार पर की गयी है, लेकिन पुलिस अपराध को एक सामान्य घटना की तरह दिखाने की पूरी कोशिश कर रही है।
फैक्ट फाइंडिंग टीम में NRRC की तरफ से सलीम बेग (आरटीआई कार्यकर्ता),ज़ाकिर अली त्यागी(स्वतंत्र टिप्पणीकार) तारिक अदीब (सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता), इनामुल हसन (रिसर्चर), राजीव यादव (रिहाई मंच), प्रवीण सिंह (पत्रकार), अशफाक आलम (NRRC), देव चौधरी (पत्रकार), विश्वास राणा (पत्रकार), अनुराग वाजपेयी (पत्रकार), एवं मोहम्मद आदिल (सामाजिक कार्यकर्ता) थे ।
फैक्ट फैन्डिंग से संबंधीत अधिक जानकारी के लिये संपर्क सूत्र- सलीम बेग (आर, टी, कार्यकर्ता एवं नेशनल राईट्स रिसोर्स सेंटर (NRRC) के अभियान प्रभारी) मोबाइल न० 971745530