नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ 6 याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इन याचिकाकर्ताओं में रिटायर्ड मेजर जनरल अशोक मेहता और पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक समेत 6 लोग हैं। इन याचिकाकर्ताओं ने आर्टिकल 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इन दोनों के अलावा याचिकाकर्ताओं में जम्मू और कश्मीर के लिए गृह मंत्रालय के इंटरलोक्यूटर्स ग्रुप के एक पूर्व सदस्य राधा कुमार, जम्मू और कश्मीर कैडर से संबंधित एक पूर्व आईएएस अधिकारी हिंडल हैदर तैयबजी, पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अमिताभ पांडे और केरल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लई हैं।
याचिका अधिवक्ता अर्जुन कृष्णन, कौस्तुभ सिंह और राजलक्ष्मी सिंह द्वारा तैयार की गई है और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्तो सेन द्वारा सेट की गई है। इससे पहले भी अनुच्छेद 370 को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इनमें वहां से कम्यूनिकेश व्यवस्था बहाल करने और कई मुद्दे शामिल है। शुक्रवार को अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य की स्थिति को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस समय वहां से प्रतिबंध हटाना ठीक नहीं है। धीरे धीरे हम वहां से प्रतिबंध पूरी तरह हटा देंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का ऐलान 5 अगस्त को किया था। अमित शाह ने सबसे पहले राज्यसभा में इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है। ये दो प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख होंगे। लद्धाख जहां बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी। इस फैसले के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कई तरह के प्रतिंबध लगाए हैं।