नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को 36 केंद्रीय मंत्रियों को जम्मू-कश्मीर भेजने के सरकार के फैसले पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि अगर सबकुछ सामान्य है तो वहां 36 प्रचारकों को क्यों भेजा जा रहा है। 370 निष्प्रभावी करने के 5 महीने बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केंद्रीय मंत्रियों का कश्मीर दौरा हो रहा है। इन दौरों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को बेमतलब बताया है।
कपिल सिब्बल ने कहा, “कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है कि जेएनयू में जो हुआ उसके पीछे कांग्रेस है। लाखों लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं क्या इन सबको कांग्रेस ने पैसे दिए हैं? यह वो लोग हैं जो अपने भविष्य के बारे में सोच रहे हैं, बीजेपी सरकार को यह सोचना होगा।”
राज्यसभा में नेता विपक्ष और जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘वे किससे मिलेंगे? 2 विदेशी प्रतिनिधिमंडल वहां गए। वे केवल उन लोगों से मिलते हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया है और बताया गया है कि क्या कहना है।’
वहीं कांग्रेस के एक और नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर कश्मीर को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 36 केंद्रीय मंत्रियों को कश्मीर दौरे पर भेजा जाना सामान्य स्थिति नहीं है, बल्कि ये घबराहट के संकेत हैं।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान जम्मू में 51 और कश्मीर में 8 दौरे होंगे। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 19 जनवरी को कटड़, रईसी और पंथाल के आसपास के ईलाकों में जाकर लोगों को आर्टिकल 370 हटाने से हुए फायदों के बारे में बताएंगी। पीयूष गोयल भी इसी दिन श्रीनगर में जनता के बीच होंगे। रेड्डी 22 जनवरी को गांदरबल में सरकारी फैसलों की वकालत करेंगे। इन मंत्रियों सहित कुल 36 मंत्री इस दौरान एक हफ्ते के अंदर जनता के बीच जाकर उन्हें सराकार की नीतियों के बारे में समझाएंगे।