भारत संचार निगम के बाद अब जेट एयरवेज़ के बुरे दिन शुरु हो गए हैं। जेट एयरवेज़ में काम करने वाले कर्मचारी पिछले चार महीने से सैलरी के लिए तरस रहे हैं और अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
इंजीनियरिंग यूनियन से लेकर पायलट यूनियन तक सरकार से सैलरी दिए जाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हुई है, जिससे स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।
एनडीटीवी के मुताबिक, पायलटों का कहना है कि वह बेहद खराब दौर से ग़ुज़र रहे हैं, जिसके चलते वे तनाव में हैं। कुछ पायलटों का कहना है कि उन्हें अपना घर चलाने के लिए मां के गहने तक गिरवी रखने पड़ रहे हैं। वहीं कुछ का कहना है कि उन्होंने शादी स्थगित कर दी है।
पायलट कैप्टन आसीम वालियानी ने बताया, ‘सभी 1100 सदस्यों ने फैसला किया है कि अगर उनकी दो मांगें पूरी नहीं की गई तो एक अप्रैल से विमान उड़ाना बंद कर देंगे। हमें हमारी सैलरी और क्लियर रोड मैप चाहिए। अगर ये मांगें पूरी नहीं होती है तो हम उड़ान बंद कर देंगे।’

पायलटों की यूनियन का कहना है कि बिना सैलरी के वे अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं। बतौर पायलट दो दशक का अनुभव रखने वाले बोइंग 777 के कमांडर कैप्टन करण चोपड़ा ने कहा, ‘पायलटों की समस्याओं को हल करें। वे बहुत कष्ट से गुजर रहे हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘पायलटों को अपनी ईएमआई भरनी होती हैं। बच्चों की शिक्षा है, बुजुर्ग परिजन हैं और अस्पताल के बिल हैं। शादियां स्थगित कर दी गईं।
पायलट यूनियन के प्रमुख कैप्टन चोपड़ा ने नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में पायलटों की बात रखी है। उन्होंने कहा कि तनाव के दौर में सुरक्षा से समझौता होने की संभावना है और जिस प्रोफेशन में सबसे ज्यादा सतर्कता और सुरक्षा चाहिए, वहां यह नहीं होना चाहिए।
ग़ौरतलब है कि जेट एयरवेज पर कथित तौर पर एक अरब डॉलर का कर्ज है। एयरलाइन अपने ऋणदाताओं और विमान लाइसेंस का भुगतान भी नहीं कर पा रही है और कई विमानों का संचालन रोक दिया है।