नई दिल्ली : हरियाणा सरकार ने आज दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हर व्यक्ति के लिए इलाज सुनिश्चित करने के ‘संकल्प‘ का असर है कि अप्रैल से मध्य मई तक कोरोना ने जो खौफ पैदा किया था, वह कम होता दिखाई दे रहा है।
सरकार की यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने 17 जिलों के दौरे के बाद ऐसी व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया कि कोई इलाज से वंचित न रहे। विज्ञप्ति के अनुसार इसके लिए उन्होंने सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का इलाज तो मुफ्त किया, प्राइवेट अस्पतालों में भी गरीबों के इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन करने की व्यवस्था बना दी।
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कोविड-19 के इलाज को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया और उन गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के मरीजों के भी प्राईवेट अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च भी देने का निर्णय किया, जो किसी कारण आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत न हो सके थे। इसके अलावा घर पर ही आइसोलेशन में रहकर उपचाराधीन बी.पी.एल. परिवारों के कोरोना मरीजों के लिए भी प्रति मरीज 5,000 रुपये देने का निर्णय किया गया।
खट्टर ने कहा कि वह जानते हैं कि केवल सरकारी अस्पतालों से महामारी का सामना नहीं हो सकता। इसलिए प्राइवेट अस्पतालों को भी इलाज में शामिल किया गया और चूंकि गरीब आदमी प्राइवेट अस्पताल का खर्च नहीं उठा सकता। इसलिए उस खर्च को भी वहन करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य हर हालत में हर मरीज की जिंदगी बचाना है, क्योंकि हर जिंदगी अनमोल है।“
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इसके अलावा एक मार्च से 31 मई के बीच किसीकी कोविड 19 से मृत्यु होने पर बीपीएल परिवार को दो लाख रुपये का एक्सग्रेशिया अनुदान देने का भी निर्णय लिया गया। 31 मई के बाद कोविड सहित किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में दो लाख रुपये का बीमा कवर देने की योजना शुरू की गई है।