नई दिल्ली : फ्रांस की सरकार ने बुधवार को उस ‘विवादित कानून’ से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक की जिसे ‘इस्लामिक रेडिकलाइजेशन’ को रोकने के लिए लाया जा रहा है.
इस सुरक्षा बिल को फ्रांस की संसद के निचले सदन में 24 नवंबर को पारित किया गया था.
इस कानून के लागू होने के बाद मस्जिदों पर कड़ी नज़र रखी जाएगी, बीते दिनों पेरिस में इस कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था जिसमें 37 लोग घायल हो गए थे.
ये भी पढ़ें : Covid Update : देश में पिछले 24 घंटे में आए 31,521 नए केस, 412 की हुई मौत
अल जजीरा रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस की सरकार “कट्टरपंथी इस्लामीकरण” से निपटने के लिए एक नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे फ्रांस में मुसलमान और अलग थलग होंगे.
इस बिल का विरोध मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से लेकर पत्रकार तक सभी कर रहे हैं, पत्रकारों के मुताबिक इस बिल के जरिए सरकार सूचना की आजादी पर पाबंदी लगाना चाहती है.
दरअसल, इस बिल में पुलिसकर्मियों की तस्वीरों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को उन्हें नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया अपराध करार दिया गया है.
इस बिल के मुताबिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तस्वीरों के साथ उनका व्यक्तिगत विवरण दिया जाना भी अपराध की ही श्रेणी में आएगा.
ये भी पढ़ें : वॉर्नर ने लिखा दिल छूने वाला मैसेज, कहा- सीरीज हारने के बाद भी टी नटराजन के लिए खुश हैं
फ्रांस की सरकार ने लगभग 50 मुस्लिम संगठनों और 75 मस्जिदों की निगरानी बढ़ा दी है, फ्रांस का इरादा ऐसे लगभग 200 नागरिक को देश से बाहर निकलाने का भी है जो फ्रांस के नागरिक नहीं हैं.
इस बिल के तहत देश में सभी मस्जिदों की निगरानी बढ़ाई जाएगी, उन्हें मिलने वाली वित्तीय मदद और इमामों की ट्रेनिंग पर भी नजर रखी जाएगी, इसके साथ ही इंटरनेट पर नफरत फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करने के खिलाफ भी नियम बनेंगे.
सरकारी अधिकारियों को धार्मिक आधार पर डराने धमकाने पर जेल की सजा का प्रावधान भी होगा, यह बिल 2021 के शुरू में संसद में पहुंच सकता है जिसके कुछ महीनों बाद इसे कानून की शक्ल दी जा सकती है.
मस्जिदों के लिए भी चंदे की सीमा 10,000 यूरो ($12,000) तय कर दी जाएगी, इससे बड़े चंदे के लिए इजाजत लेनी होगी, बिल के मुताबिक महिलाओं को वर्जिनिटी सर्टिफिकेट इश्यु करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
फ्रांस में कट्टरपंथी मुसलमान शादी से पहले इस तरह के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबरदस्ती शादी पर भी रोक लगेगी और शादियों से पहले अथोरिटी के किसी अफसर के सामने लड़का-लड़की का एक इंटरव्यू होगा, एक से ज्यादा बीवी रखने पर फ्रेंच नागरिकता छीनी जाएगी.
फ्रांस के शहर मार्से में इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज ऑन अरब एंड मुस्लिम वर्ल्ड में राजनीति विज्ञानी फ्रांसुआ बुरगा कहते हैं कि जब बात धर्म की आती है तो सरकार तटस्थ नहीं रह पाती.
वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैंक्रो दक्षिणपंथियों और धुर दक्षिणपंथियों को खुश करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में इन लोगों के वोट चाहिए.
जब बात नौकरी की आती है तो मुसलमानों के साथ भेदभाव होता है और वे इस देश में खुद को अलग थलग पाते हैं.