येचुरी ने राष्ट्रपति से जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश को हटाने का अनुरोध किया
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल पर भारत के संविधान के खिलाफ बयान देने का आरोप लगाया है।उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से तत्काल हटाने की भी मांग की है।
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गुरुवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में, श्री येचुरी ने दावा किया कि न्यायमूर्ति मिथल ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” शब्दों को शामिल करने के लिए देश की आध्यात्मिक छवि को “संपीड़ित” करने के लिए माफी मांगी थी। एक अपराध किया।
माकपा नेता ने दावा किया कि न्यायमूर्ति मिथल ने 5 दिसंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक सिंह से संबद्ध अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी की थी। प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द शामिल किए गए थे। यह, न्यायमूर्ति ने कथित तौर पर कहा कि कभी-कभी हम अपनी जिद के कारण संशोधन लाते हैं।
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माकपा नेता ने कहा कि संगोष्ठी में प्रधान न्यायाधीश द्वारा दिए गए बयानों का मीडिया में व्यापक प्रसार हुआ।
कई बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके येचुरी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश मिथल का आचरण उनके द्वारा ली गई शपथ का उल्लंघन है और भारत के संविधान के खिलाफ है। इसलिए संविधान की शुचिता बनाए रखने के लिए उन्हें तत्काल पद से हटा देना चाहिए।