नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से यह सुनिचश्ति करने को कहा कि दिल्ली-NCR में कोई स्मॉग ना हो। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को यह बताया कि एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के लिए कमिशन आज से काम करना शुरू करेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन ने वायु प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं को दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई निर्धारित की है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों के लिए गठित कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि वायु गुणवत्ता पर गठित कमिशन शुक्रवार से कामकार शुरू कर देगा और सरकार ने कमिशन के सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है।
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मेहता ने 29 अक्टूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिये सरकार एक अध्यादेश लाई है और उसे लागू कर दिया गया है। हालांकि, पीठ ने इस पर मेहता से कहा था कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी।
इससे पहले, न्यायालय ने 26 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पराली जलाए जाने की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त करने का अपना 16 अक्टूबर का आदेश सोमवार को निलंबित कर दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि वायु की गुणवत्ता बदतर होती जा रही है और ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लोकूर समिति को नियुक्त करने संबंधी आदेश पर अमल होने देना चाहिए।
विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की कम गति, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर श्रेणी’ में रहा, लेकिन बाद में हवा की तेज गति की वजह से प्रदूषक तत्वों का बिखराव हुआ और धुंध में कमी आई। जनवरी के बाद पहली बार गुरुवार को एक्यूआई ‘गंभीर स्थिति’ में पहुंचा था। दिल्ली का एक्यूआई सुबह नौ बजे 397 रहा। गुरुवार को पिछले 24 घंटे में औसत एक्यूआई 450 दर्ज किया, जो पिछले साल 15 नवंबर (458) से अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों के लिए गठित कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि वायु गुणवत्ता पर गठित कमिशन शुक्रवार से कामकार शुरू कर देगा और सरकार ने कमिशन के सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है।
मेहता ने 29 अक्टूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिये सरकार एक अध्यादेश लाई है और उसे लागू कर दिया गया है। हालांकि, पीठ ने इस पर मेहता से कहा था कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी।
विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की कम गति, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर श्रेणी’ में रहा, लेकिन बाद में हवा की तेज गति की वजह से प्रदूषक तत्वों का बिखराव हुआ और धुंध में कमी आई। जनवरी के बाद पहली बार गुरुवार को एक्यूआई ‘गंभीर स्थिति’ में पहुंचा था। दिल्ली का एक्यूआई सुबह नौ बजे 397 रहा। गुरुवार को पिछले 24 घंटे में औसत एक्यूआई 450 दर्ज किया, जो पिछले साल 15 नवंबर (458) से अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन ने वायु प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं को दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई निर्धारित की है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों के लिए गठित कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि वायु गुणवत्ता पर गठित कमिशन शुक्रवार से कामकार शुरू कर देगा और सरकार ने कमिशन के सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है।
मेहता ने 29 अक्टूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिये सरकार एक अध्यादेश लाई है और उसे लागू कर दिया गया है। हालांकि, पीठ ने इस पर मेहता से कहा था कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी।
इससे पहले, न्यायालय ने 26 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पराली जलाए जाने की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त करने का अपना 16 अक्टूबर का आदेश सोमवार को निलंबित कर दिया था।
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि वायु की गुणवत्ता बदतर होती जा रही है और ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लोकूर समिति को नियुक्त करने संबंधी आदेश पर अमल होने देना चाहिए।
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विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की कम गति, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर श्रेणी’ में रहा, लेकिन बाद में हवा की तेज गति की वजह से प्रदूषक तत्वों का बिखराव हुआ और धुंध में कमी आई।
जनवरी के बाद पहली बार गुरुवार को एक्यूआई ‘गंभीर स्थिति’ में पहुंचा था। दिल्ली का एक्यूआई सुबह नौ बजे 397 रहा। गुरुवार को पिछले 24 घंटे में औसत एक्यूआई 450 दर्ज किया, जो पिछले साल 15 नवंबर (458) से अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है।