अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सीमा पर हमारे जवानों ने बेहद बहादुरी ने चीनी सैनिकों को न सिर्फ मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि उन्हें उलटे पांव लौटने पर मजबूर भी कर दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के कमांडर ने समय रहते हस्तक्षेप किया और चीन के सैनिक वापस अपनी लोकेशन पर चले गए। इस घटना के बाद क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की और घटना पर चर्चा की। चीनी पक्ष को इस तरह की कार्रवाई से मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया। इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने तवांग मामले पर कहा कि एक तरफ देश के रक्षा मंत्री कहते हैं कि चीन ने हमारी सीमा के अंदर हजारों स्क्वायर किमी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है और दूसरी तरफ गृहमंत्री कहते हैं कि चीन को एक इंच भी नहीं देंगे। उन्होंन कहा कि इस प्रकार का दो रूपी संदेश क्यों? क्यों आप (सरकार) देश से सच्चाई छिपाना चाहते हैं?
राज्य सभा में राजनाथ सिंह ने तवांग झड़प पर बयान दिया जिसके बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया है। विपक्ष राजनाथ के बयान से संतुष्ट नहीं दिखे। कांग्रेस से लेकर टीएमसी और AIMIM ने वॉकआउट किया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा 9 दिसंबर को देखा गया था। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना को वहां से हटने के लिए कहा और दृढ़ता से उन्हें आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के तत्काल बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए।