गायों की रक्षा के लिए योगी सरकार कई प्रवाधान लगा चुकी है और कई लाने की तैयारी में भी है। इसके बावजूद राज्य में गायों की मौत का सिलसिला जारी है। ताजा मामला महोबा का है। जहां 8 गायों की दर्दनाक मौत हुई है। खबरों के मुताबिक, महोबा जिले की चरखारी कोतवाली क्षेत्र के सुदामापुरी गांव में गुरुवार को पंचायत भवन के कमरे में बंद 8 गोवंशों की दम घुटने से मौत हो गई।
उन्होंने आगे कहा, “सुबह गांव वालों ने कुंडी खोल कर देखा तो 8 गौवंशों की मौत हो चुकी थी। संभवत: सभी की मौत दम घुटने से हुई है।” उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने चिकित्साधिकारियों के एक दल से सभी मृत मवेशियों के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया है। इसके साथ ही पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और दरवाजा बंद करने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
गोरक्षा के लिए रोज नई-नई योजनाएं लाने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए गाय अब मुसीबत का दूसरा नाम बन चुकी है। पूरे प्रदेश में जहां देखो गायों का उत्पात जारी है और उनके उत्पात से प्रदेश के किसान भी परेशान हैं। यूपी की सड़कों की लेकर स्कूलों में, अस्पतालों में, खेतों में और कूड़े कचरे के ढेर पर हर जगह मंडराती गायों को देखा जा सकता है। गाय ही नहीं सांड और बछड़े भी सड़कों पर कुश्ती करते नजर आ जाते हैं।
पूरे यूपी के किसान गोवंश के उत्पात से परेशान हैं। योगी सरकार के कार्यकाल में गोवंश की हत्या और तस्करी पर तो लगाम लग गई, लेकिन दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई। ये गोवंश किसानों की फसलें सफाचट कर रहे हैं। यही वजह है कि जगह-जगह किसानों ने आवारा गोवंश को कहीं स्कूलों में तो कहीं अस्पतालों और दूसरे सरकारी दफ्तरों में खड़ा कर दिया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि पूरे राज्य में जगह जगह गोशाला बनाई जाएंगी।
इससे पहले प्रयागराज में भी एक साथ 35 गायों की मौत के कारण हड़कंप मच गया था। साथ ही योगी सरकार की गौरक्षा पर भी सवाल उठ गए थे। प्रयागराज के बहादुरपुर ब्लॉक के कांदी गांव के गौशाला में 35 गायों की मौत हुई थी। जिस समय हादसा हुआ था उस समय गौशाला में न तो शेड थे और न ही कोई साफ-सफाई की व्यवस्था थी। गौशाला से पानी निकलने का भी इंतजाम नहीं था। खबरों के मुताबिक, भारी बारिश के बाद गौशाला में पानी जमा हो गया था। गाएं कीचड़ में फंस गई थीं।