उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आदेश के बाद पूरे राज्य में मदरसों का सर्वे हो चुका है। मदरसों पर सर्वे के ऐलान के बाद पूरे देश के राजनितिक गलियारों में एक बहस का मुद्दा छिड़ गया था। एक पक्ष सर्वे के पक्ष में था तो एक विरोध में था। इन्हे सब के बीच सर्वे पूर्ण हो चुका है।
UP के जिला सहारनपुर में भी ये सर्वे पूरा हो चुका है। सहारनपुर जिले में 1060 मदरसे मिले हैं, जिसमें से 306 मदसरे बगैर मान्यता के ही चल रहे हैं। ये मदरसे ऐसे हैं, जो जकात यानि चंदे के पैसों से चलते हैं। वहीं, सहारनपुर में 754 मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें मान्यता प्राप्त है। ऐसे मदरसे सरकारी सहायता से चलाए जा रहे हैं। लेकिन जो 306 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं, उनमें सबसे बड़ा और चौंकाने वाला नाम दारूल-उलूम का का सामने आया है विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र दारुल उलूम देवबंद भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची में शामिल है।
सबसे कम सहायता प्राप्त मदरसे बेहट तहसील में पाए गए हैं। अभी सर्वे जारी है, ऐसे मदरसों की संख्या बढ़ सकती है। दरअसल प्रदेश सरकार के आदेश के बाद डीएम अखिलेश सिंह ने भी गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। तहसील स्तर पर टीमें बनाकर सर्वे शुरू कराया गया। जनपद में 10 सितंबर से सर्वे का कार्य शुरू हुआ।
सर्वे में मुरादाबाद में 585 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। इन मदरसों के सर्वे में एक बात कॉमन सामने आई है। सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों ने सोर्स ऑफ इनकम के कॉलम में ‘जकात’ भरा है। सबसे अधिक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे 182 ठाकुरद्वारा तहसील में मिले हैं।