उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों अंबेडकर गांवों में डेरा डाले हुए हैं। यूपी कैबिनेट के तमाम मंत्री भी दलितों की ही बातें कर रहे हैं लेकिन फिर भी यूपी में दलित उत्पीड़न की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताज़ा मामला बदायूं का है। जहां गेहूं ना काटने पर एक दलित को कथित तौर पर पेड़ से बांधकर पीटा गया और उसकी मूंछे उखाड़ कर जूते में पेशाब भरकर पिलाया गया।
खबरों के मुताबिक, हजरतपुर इलाके के बिसौरिया गांव के निवासी सीताराम ने आरोप लगाया है कि 23 अप्रैल की शाम को ठाकुर विजय सिंह, उनके भाई शैलेंद्र, पिंकू सिंह और विक्रम सिंह ने गेहूं काटने को कहा था। इस पर सीताराम ने कहा है कि वो अभी अपने खेत का गेहूं काट रहे हैं। 2 दिन बाद खाली होने पर उनके खेत का भी गेहूं काट देंगे।
इस पर वो लोग गालियां देने लगे। सीताराम ने विरोध किया तो उनको पीटा और जबरन चौपाल पर ले गए। जहां पेड़ से बांधकर पीटा गया। सीताराम का आरोप है कि उनकी मूंछ उखाड़ ली और जूते में पेशाब भरकर पिलाई। किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर थाने पहुंचे सीताराम की शिकायत नहीं सुनी गई। दबंगों के डर से सीताराम, बरेली स्थित रिश्तेदार के घर चले गए। वहां से 26 अप्रैल को आईजी बरेली को पत्र लिखा। रविवार को इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें सीताराम आप बीती बता रहे थे।
रविवार को ही दोपहर में सीताराम परिवार समेत एसएसपी के दफ्तर पहुंचे और एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के सामने पेश हुए और घटना की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में 29 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया और बीती रात सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में आईपीसी की धारा 308, 342, 332, 504, 506 और दलित एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। साथ ही हजरतपुर के थानाध्यक्ष राजेश कश्यप को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।