नई दिल्ली : राहुल गांधी ने कहा कि PM मोदी को देश को यह बताना चाहिए कि कोविड के किस टीके का चयन भारत के लिए किया जाएगा.
राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि कोविड का टीका बनाने की ओर अग्रसर कंपनियों में भारत सरकार किसका चुनाव करेगी और क्यों करेगी?’’
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उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहले टीका किसको मिलेगा और इसके वितरण की रणनीति क्या है? क्या ‘पीएम केयर्स’ कोष का इस्तेमाल मुफ्त टीकाकरण के लिए होगा? कब तक सभी भारतीय नागरिकों को टीका लग जाएगा?’’
बता दें कि अमेरिका की दो कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना ने ऐसे टीके विकसित करने का दावा किया है, जो कोविड-19 का संक्रमण रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा कारगर हैं.
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भारत में फिलहाल पांच टीके क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस समय ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण कर रहा है, वहीं भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने स्वदेश विकसित कोवाक्सिन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है.
जायडस कैडिला द्वारा स्वदेश विकसित टीके ने देश में दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज जल्द ही रूसी टीके स्पुतनिक-5 के भारत में दूसरे और तीसरे चरण के सामूहिक परीक्षण शुरू करेगा.
मॉडर्ना वैक्सीन को 94,5% और फाइजर-बायोएनटैक को 95% प्रतिशत प्रभावी पाया है, जल्द ही यह कंपनियां अप्रूवल के लिए आवेदन करने वाली है, जिससे इसी साल के अंत तक इनका प्रोडक्शन शुरू होगा और जल्द से जल्द हम तक पहुंचने की प्रक्रिया शुरू होगी.
देश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध हो सकता है, सरकार की तैयारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज के लिए अप्रूवल देने की है, SII ने एस्ट्राजेनेका के साथ पार्टनरशिप कर रखी है.