नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि कोरोना की पहली लहर को परास्त करने के बाद हौसले से भरे देश को दूसरी लहर के तूफान ने झकझोर दिया है लेकिन वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह पर चलकर हम इस तूफान से भी पार पा लेंगे।
प्रधानमंत्री ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में कहा, “आज ‘मन की बात’, एक ऐसे समय कर रहा हूँ जब कोरोना, हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुःख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है।
बहुत से अपने, हमें, असमय, छोड़ कर चले गए हैं । कोरोना की पहली वेव का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौंसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफ़ान ने देश को झकझोर दिया है।”
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उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए पिछले दिनों उनकी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बात हुई है जिन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं जिन्हें हमें प्राथमिकता देनी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी केन्द्र के साथ मिलकर पूरी शक्ति से जुटी हैं।
उन्होंने कहा, “अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट के साथ, विशेषज्ञों के साथ मेरी लम्बी चर्चा हुई है। हमारी फार्मा इंडस्ट्री के लोग हों, वैक्सीन निर्माता हों, आक्सीजन के उत्पादन से जुड़े लोग हों या फिर चिकित्सा क्षेत्र के जानकार, उन्होंने, अपने महत्वपूर्ण सुझाव सरकार को दिए हैं । इस समय, हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए विशेषज्ञों और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है।”
कार्यक्रम में उन्होंने क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों में तैनात डाक्टरों, नर्सों, एंबुलेंसकर्मियों और कोरोना से जंग जीत चुके लोगों के साथ चर्चा की और उनके अनुभव लोगों के साथ साझा किये जिससे कि लोग इन अनुभवों से सीख लेकर कोरोना संक्रमण का मुकाबला कर सकें।
प्रधानमंत्री ने कोरोना की वैक्सीन की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और ज्यादा से ज्यादा लोग ये वैक्सीन लगवायें। उन्होंने कहा, “कोरोना के इस संकट काल में वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए, मेरा आग्रह है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी अफ़वाह में न आयें।” उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे केन्द्र सरकार के कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें।”
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मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अभियान में एक ओर हमारे मेडिकल क्षेत्र के लोग जंग लड रहे हैं तो दूसरी ओर समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। देश एक बार फिर एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा, “इन दिनों मैं देख रहा हूँ कोई क्वारंटाइन में रह रहे परिवारों के लिए दवा पहुँचा रहा है, कोई, सब्जियाँ, दूध, फल आदि पहुँचा रहा है। कोई एंबुलेंस की मुफ़्त सेवाएँ मरीजों को दे रहा है।
देश के अलग-अलग कोने में इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वयं सेवी संगठन आगे आकर दूसरों की मदद के लिए जो भी कर सकते हैं वो करने का प्रयास कर रहे हैं । इस बार, गाँवों में भी नई जागरूकता देखी जा रही है । कोविड नियमों का सख्ती से पालन करते हुए लोग अपने गाँव की कोरोना से रक्षा कर रहे हैं, जो लोग, बाहर से आ रहे हैं उनके लिए सही व्यवस्थायें भी बनाई जा रही हैं ।
शहरों में भी कई नौजवान सामने आये हैं, जो अपने क्षेत्र में, कोरोना के केस न बढ़े, इसके लिए, स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं, यानि एक तरफ देश, दिन-रात अस्पतालों, वेंटीलेटरों और दवाईयों के लिए काम कर रहा है, तो दूसरी ओर, देशवासी भी, जी-जान से कोरोना की चुनौती का मुकाबला कर रहें हैं । ये भावना हमें कितनी ताकत देती है, कितना विश्वास देती है । ये जो भी प्रयास हो रहे हैं, समाज की बहुत बड़ी सेवा है । ये समाज की शक्ति बढ़ाते हैं ।”