भारतीय पासपोर्ट पर कमल के निशान को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय का कहना है कि सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए कमल का निशान लाया गया है।
बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस के एमके राघवन ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि एक अखबार ने इसे उजागर किया है। कांग्रेस सांसद ने इसे एक सरकारी प्रतिष्ठान का भगवाकरण करने के प्रयास का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अब इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि फर्जी पासपोर्ट की पहचान करने के लिए और पासपोर्ट के सिक्योरिटी फीचर्स को मजबूत करने के लिए कमल का निशान लगाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कमल हमारे राष्ट्रीय फूल का प्रतीक है।
रवीश कुमार ने कहा, ‘कमल के अलावा बारी-बारी से देश के अन्य चिह्नों का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी यह कमल है और अगले महीने कुछ और होगा। ये प्रतीक चिह्न भारत से जुड़े हैं जैसे कि राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय पशु।’
विपक्षी सदस्यों द्वारा लोकसभा में नए पासपोर्ट पर कमल का निशान छापने को लेकर उठाए गए सवाल के एक दिन बाद गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह फर्जी पासपोर्ट का पता लगाने और सुरक्षा मजबूत करने की विशेषताओं का हिस्सा है। अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का भी बारी-बारी से इस्तेमाल किया जाएगा।
महत्वपूर्ण है कि नई पासपोर्ट पुस्तिकाओं में कवर पेज के पीछे की तरफ विशेष तरह से कमल के फूल की आकृति बनाई गई है जहां क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के दस्तखत होते हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मानकों और सुरक्षा ज़रूरतों को देखते हुए सुरक्षा फीचर पासपोर्ट में जोड़े गए हैं। ऐसा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के दिशा निर्देशों के मद्देनजर किया गया है।