नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम के तहत लाल किला देश की ऐसी पहली ऐतिहासिक इमारत बन गया है जिसे डालमिया ग्रुप ने 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है. इसके साथ ही डालमिया ग्रुप भी ऐसा पहला कॉरपोरेट हाउस बन गया जिसने देश के किसी ऐतिहासिक स्थल को कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है.
डालमिया ग्रुप को पांच साल के लिए लालकिले को गोद दिया गया है. इसके लिए ग्रुप ने सरकार को 25 करोड़ रुपए दिए हैं. अब लाल किले के रखरखाव की जिम्मेदारी डालमिया ग्रुप की होगी. डालमिया ग्रुप ने ये कॉट्रेक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर को हराकर जीता है.
इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से सवाल करते हुए लिखा कि, “लाल किले को डालमिया ग्रुप को सौंपने के बाद अब भाजपा सरकार संसद, सुप्रीम कोर्ट में से किसे प्राइवेट कंपनियों के हवाले करेगी?”
बता दें कि डालमिया ग्रुप, पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व विभाग के बीच इस कॉन्ट्रेक्ट पर 9 अप्रैल को हस्ताक्षर हुए थे. इस कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक डालमिया ग्रुप को 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी, जिनमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधाएं हैं