नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद पी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है लेकिन उसके पहले ही कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला है और पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की कोशिशों को बदले की भावना से प्रेरित बताया है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि राज्यसभा के एक अत्यंत योग्य और सम्मानित सदस्य पी चिदंबरम जी ने वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में दशकों तक निष्ठा के साथ हमारे देश की सेवा की है। वह अनजाने में सत्ता के लिए सच बोलते हैं और इस सरकार की विफलताओं को उजागर करते हैं, लेकिन सच्चाई कायरों के लिए असुविधाजनक है इसलिए उसे शर्मनाक तरीके से शिकार बनाया जा रहा है। हम उनके साथ खड़े हैं और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे चाहे कोई भी परिणाम हो।
दिग्विजय सिंह ने भी प्रियंका की तरह चिदंबरम के समर्थन में मोदी सरकार पर हमला बोला। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को गिरफ़्तार करने की कल रात से जो भी कोशिश हो रही हैं, मैं उसकी निंदा करता हूँ। सरकार हर काम राजनीतिक विद्वेष की भावना से क्यों कर रही है? ना एफआईआर में नाम, ना कोई प्रमाण। पर सीबीआई का ऐसा इस्तेमाल?”
आपको बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सीबीआई ने बीती रात उनके घर के बाहर दो घंटे के भीतर पेश होने का नोटिस लगाया था, जिसके बाद सीबीआई लगातार चिदंबरम की तलाश कर रही है। इस बीच चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने सीबीआई को पत्र लिखकर पूछा है कि आखिर आपने मेरे मुवक्किल के घर के बाहर जो नोटिस लगाई है, उसमे यह नहीं बताया है कि आखिर किस कानून के तहत मेरे मुवक्किल को दो घंटे के भीतर पेश होने के लिए कहा गया है।
मालूम हो कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। मंगलवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की टीम दिल्ली के जोरबाग स्थित उनके आवास पर पहुंची थी लेकिन चिदंबरम नहीं मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पी. चिदंबरम और उनके ड्राइवर का मोबाइल फोन स्विच ऑफ आ रहा था।वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां बुधवार को इस मामले में सुनवाई होनी है।