नई दिल्ली। 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर पार्टी नेता सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पित्रोदा ने जो कहा वो कांग्रेस की सोच नहीं है। बयान में कहा गया है कि कांग्रेस लगातार कहती रही है कि 1984 के दंगा पीड़ित हों या 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ित, सभी को न्याय मिलना चाहिए। पार्टी हमेशा किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ जाति,धर्म या क्षेत्र के आधार पर हुई हिंसा के खिलाफ है।
पित्रोदा ने गुरुवार को 1984 के दंगों को लेकर कहा था कि 84 के बारे में अब क्या कहना है, मोदी ये बताएं पांच साल में क्या किया, 84 में जो हुआ, वो हुआ। नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है। कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के दंगों का हिसाब कौन देगा? जिस पर पित्रोदा प्रतिक्रिया दे रहे थे।
सैम पित्रोदा के ’84 में जो हुआ, वो हुआ’ पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बीजेपी ने सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस से उन्हें पार्टी से निकाले और सोनिया व राहुल गांधी इस बयान के लिए माफी मांगने की बात कही है। मामले पर अब कांग्रेस ने स्पष्टीकरण दिया है।
सैम पित्रोदा ने भी अपने बयान पर सफाई देते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, उस वक्त सिख भाइयों और बहनों को हुए दर्द को महसूस कर सकता हूं। भाजपा मेरे इंटरव्यू को शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। वे हमें बांटना और अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पित्रोदा के बयान पर कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं इसे स्वीकार नहीं करता। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि कौन लोग इसके जिम्मेदार थे? इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने साल बीत गए हैं।