‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शनिवार सुबह कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके बेटे विक्रमजीत चौधरी ने आरोप लगाया है कि इलाज की कमी और लापरवाही के कारण उनके पिता की मौत हुई। पंजाब के फिल्लौरी में राहुल गांधी के साथ चलते समय संतोख सिंह अचानक बीमार पड़ गए। कांग्रेस नेता को फगवाड़ा के विर्क अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
विधायक बेटे विक्रमजीत चौधरी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में ले जाते वक्त पिता पंप करने पर सांस ले रहे थे। तभी वहां मौजूद डॉक्टरों ने हमें कहा कि किनारे हो जाओ, वी नो हाऊ टू डू इट। उनके पास एमरजेंसी शॉक का भी कोई सामान नहीं था। वहां के डॉक्टर बड़ी हड़बड़ाहट में थे। जिंदगी में उनका सिर्फ कैट्रेक्ट यानी आंख का ऑपरेशन कराया था।
बता दें कि जिस समय कांग्रेस सांसद को हार्ट अटैक का दौरा पड़ा उस समय वो भारत जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी के साथ चल रहे थे। इसी दौरान उनकी तबियत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत फगवाड़ा के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि उनकी रास्ते में ही मौत हो चुकी है।
संतोख चौधरी लगातार दूसरी बार सांसद बने थे। वह साल 2014 और साल 2019 में जलंधर से चुनाव जीते थे। इसके अलावा वह पांच बार विधानसभा चुनाव भी लड़े थे। इन पांच चुनावों में से वह तीन बार जीते और साल 1992 व साल 2002 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे। चौधरी 2014 में अकाली दल के पवन कुमार टीनू को हराने के बाद लोकसभा के लिए चुने गए थे।
साल 2019 में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा और उन्होंने जालंधर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। साल 2004 से लेकर 2010 तक वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे। 2002 में कांग्रेस सरकार के दौरान वे सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास, समाज कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के मंत्री रहे।