नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक ऐसा चौकाने वाला बयान दे दिया है। यूनिवर्सिटी के डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में आयोजित वार्षिकोत्सव में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने छात्रों से सीधे संवाद किया। इस दौरान छात्रों ने खुर्शीद से तीखे सवाल किए, जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया। लेकिन उनका एक बयान ऐसा आया है जिससे कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस दौरान एएमयू के निलंबित छात्र आमिर मिंटोई ने खुर्शीद से पूछा कि साल 1947 में देश की आजादी के बाद ही 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन, 1950 प्रेसिडेंशल ऑर्डर, जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छिना गया। इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ आदि में मुसलमानों के नरसंहार हुआ। इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाज़े खुलना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखना और फिर बाबरी मस्जिद की शहादत जो कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में हुई।
इन सारी घटनाओं का जिक्र करते हुए आमिर ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फ़ाज़ों से धोना चाहेंगे?
एएमयू छात्र के इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेता होने के नाते मुसलमानों के ख़ून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर हैं। लेकिन इस साथ उन्होंने छात्रों से ये अपील की कि आप गुजरे हुए वक्त से सबक सीखो और आगे इस बात का ख्याल रखो के जब आप कभी अलीगढ़ लौटकर आओ तो आपको भी अलीगढ़ में सवाल पूछने वाले मिले।
इस मामले में आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा है कि सलमान खुर्शीद को साफतौर पर यह कहना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी वोटबैंक, तुष्टीकरण की राजनीति, सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ाने की राजनीति करती रही है। उन्हें लीपापोती नहीं करनी चाहिए।