मोदी सरकार की नई अग्निपथ योजना के लिए धुरविरोधी खेमें काग्रेस के एक नेता की तरफ से समर्थन मिल गया है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी केंद्र सरकार की सेना के लिए नई अग्निपथ योजना का समर्थन किया है।
योजना का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध की प्रकृति में आए भारी बदलाव को देखते हुए सही दिशा में ले जाने का एक कदम है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने एक टीवी चैनल के साथ के साथ विशेष बातचीत में पार्टी की लाइन से हटकर यह विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा, “आज के समय और युग में आपको मोबाइल आर्मी, युवा आर्मी की जरूरत है. आपको तकनीकी और हथियारों पर अधिक खर्च की जरूरत होती है. ऐसा तब तक नहीं होता जब तक आपके पास जमीनी स्तर पर बड़ा ढांचा (footprint)है. यही आपका ज्यादातर पैसा खर्च होता है. ”
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बात दें कि इस नई अल्पकालीन भर्ती योजना की घोषणा के बाद देश के कई राज्यों में युवाओं का उग्र प्रदर्शन जारी है। वहीं मनीष तिवारी की अपनी पार्टी कांग्रेस ने इस योजना की आलोचना की है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर बुधवार को ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा कि , “जब भारत दो मोर्चों पर खतरों का सामना कर रहा है, ऐसे समय अवांछित अग्निपथ योजना हमारे सशस्त्र बलों की परिचालन कार्यक्षमता (operational effectiveness) को कमजोर करने वाली है. बीजेपी सरकार को हमारी सेना की गरिमा, परंपरा, वीरता और अनुशासन के साथ समझौता बंद करना चाहिए.”
टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि “पिछले एक दशक में युद्ध की प्रकृति में जो बदलाव आया है, वह बहुत महत्वपूर्ण और मौलिक है. यदि आप तीन दशक पीछे जाने वाले सशस्त्र बलों को देखते हैं तो अब हमेशा तैयार (more mobile)अभियान बल है जो टेक्नोलॉजी और आधुनिक हथियारों पर अधिक निर्भर है और इसमें ज्यादातर लोग कम उम्र के हैं.ऐसी स्थिति में इस तरह के सुधार की बेहद जरूरत है.” उन्होंने कहा, “आप इसे पसंद करें या न करें, वन रैंक-वन पेंशन योजना के कारण, बढ़ता पेंशन ‘बोझ’ मुझे लगता है कि सरकार की गणना से आगे निकल गया होगा ”
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बता दें कि मनीष तिवारी पूर्व में भी कुछ मौकों पर पार्टी लाइन से अलग राय जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में राहुल गांधी की राय से अगल राय रखना एक बड़ा विरोधी होने का संकेत है।
दूसरी तरफ यह भी कहा जा सकता है कि जिस प्रकार कांग्रेस ने तिवारी को नजरअंदाज किया है इससे यह भी आशंका जताया जा सकता है कि तिवारी कहीं बीजेपी में जाकर कोई पद की बाट तो नहीं जोह रहे हैं.