नई दिल्ली: पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, SC ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अगुआई में कमेटी बनाई जाएगी।
इसमें चंडीगढ़ के डीजीपी, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और एक और अधिकारी होंगे, इसके अलावा एनआईए के आईजी और आईबी के अधिकारी भी कमेटी का हिस्सा होंगे।
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि HC के रजिस्ट्रार जनरल ने आज ही हमें रिपोर्ट दी है, याचिकाकर्ता के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि आप कल या परसों सुनवाई कीजिए, ताकि आप रिपोर्ट देख लें, हम भी दलीलें रख सकें, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल को सिर्फ रिकॉर्ड सुरक्षित रखने थे।
पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील डी एस पटवालिया ने कहा कि हमारी कमिटी पर निराधार सवाल उठाए गए हैं, हमारे अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, चीफ सेक्रेटरी से कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया, हम चाहते हैं कोर्ट पूरा मामला देखे, बिना जांच के हमें दोषी ठहराया जा रहा है।
पटवालिया ने कहामुख्य सचिव को अपने खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर जवाब देने के लिए 24 घंटे दिए गए, हम पीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, कोर्ट देखे कि बिना जांच हम पर कार्रवाई न हो।
इसके बाद सीजेआई ने कहा कि केंद्र से नोटिस हमारे आदेश से पहले जारी हुआ या बाद में, इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले जारी हुआ था, जो नोटिस चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को जारी हुआ उसका कानूनी आधार है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी या उनका प्रतिनिधि पीएम के साथ चलता है, यह सिर्फ प्रोटोकॉल नहीं है, सुरक्षा में समन्वय का हिस्सा है, जानकारी के अभाव में पीएम का काफिला सड़क ब्लॉक के बिल्कुल पास पहुंच गया था।
उन्होंने कहा, केंद्र ने कैबिनेट सेक्रेटरी, आईबी निदेशक और एसपीजी के आईजी की कमिटी बनाई है, यह कोई अचानक हुआ दौरा नहीं था, पंजाब के उच्चाधिकारियों को पूरी जानकारी थी, यह भी पता था कि मौसम खराब हुआ तो पीएम सड़क से भी आ सकते हैं, 4 जनवरी को इसकी रिहर्सल भी हुई थी।
जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, अगर केंद्र ने सब तय कर दिया है तो कोर्ट के सामने क्यों है, सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि कोर्ट के सामने याचिकाकर्ता आया, वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच चाहते हैं, आप इसके आड़े क्यों आना चाह रहे हैं? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, हमारा कारण बताओ नोटिस नियमों के मुताबिक भेजा गया है।
सीजेआई ने पूछा, अगर आप अनुशानात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं तो कोर्ट की तरफ से जांच कमिटी बनाने का क्या औचित्य होगा? कमिटी क्या काम करेगी? सॉलिसिटर जनरल ने कहास, कोर्ट हमारी रिपोर्ट की समीक्षा करे, सीजेआई ने कहा, फिर तो पंजाब की कमिटी को भी काम करने देते हैं, सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया कि उस कमिटी में दिक्कतें हैं।
इसके बाद सीजेआई ने कहा, हमने पीएम की सुरक्षा से जुड़े इस मसले को गंभीरता से लिया है, सॉलिसिटर जनरल ने कहा, मेरा सुझाव है कि केंद्र की कमिटी को काम करने दिया जाए, हम रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेंगे, तब तक कोई अनुशानात्मक कार्रवाई नहीं होगी।
सीजेआई ने कहा कि पंजाब को इस पर क्या कहना है? पंजाब की ओर से कहा गया कि केंद्र की कमिटी में एसपीजी के आईजी हैं, बाकी लोग भी केंद्र के प्रतिनिधि हैं, हमें इस कमिटी से कोई उम्मीद नहीं है, निष्पक्ष जांच हो।