दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी में बड़ी जीत हासिल किया। आम चुनाव के बाद आज मेयर पद के लिए मतदान होना था। मतदान से पहले एमसीडी में निगम की कार्यवाही शुरू भी हुई लेकिन आम आदमी पार्टी और भाजपा पार्षदों के बीच बवाल को देखते हुए यह स्थगित कर दी गई।
नगर निगम की कार्यवाही में आज दिल्ली के मेयर का चुनाव होना था, लेकिन उससे पहले पीठासीन अधिकारी को चुना गया और उसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ लेने के लिए बुलाया।
एलजी के मनोनीत 10 पार्षदों के शपथ ग्रहण का सिलसिला शुरू हुआ। तभी, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से नारे लगने लगे। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि पहले चुने हुए पार्षदों का शपथ ग्रहण होना चाहिए। देखते ही देखते बीजेपी के पार्षदों की ओर से भी नारे लगने लगे और यह नारेबाजी हंगामा और मारपीट में तब्दील हो गई।
दिल्ली CM और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243आर स्पष्ट रूप से मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान करने से रोकता है। उन्हें सदन में वोट दिलाने की कोशिश असंवैधानिक है। सांसद संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि सदन में भाजपा का खूनी खेल शुरू हो गया है। चुनाव में जनता ने हरा दिया तो भाजपा सदन में गुंडागर्दी कर रहीं है।
विधायक दुर्गश पाठक ने कहा कि एमसीडी के इतिहास में आज तक कभी नॉमिनेटेड पार्षद की पहले शपथ और वोटिंग नहीं हुई है। भाजपा वालों तुम्हारी गुंडागर्दी नहीं होने देंगे।